Tissue Paper Business in Hindi – टिशू पेपर का व्यापार आपको दे सकता है लाखों का फायदा

Tissue Paper Business in Hindi – टिशू पेपर का इस्तेमाल स्कूल ऑफिस रेस्टोरेंट घर में होता है। पूरी दुनिया में टिशू पेपर का डिमांड तेजी से बढ़ रहा है। टिशू पेपर या नैपकिन बनाने की प्रक्रिया बहुत आसान होती है। इसके लिए खास किस्म का मशीन आता है जिसे आप कम पैसे में आसानी से ऑनलाइन या ऑफलाइन खरीद सकते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि टिशू पेपर को आप कैसे बेच सकते हैं और कैसे इससे अच्छा पैसा कमा सकते हैं। यह एक ऐसा बिजनेस है जिसकी डिमांड पूरी दुनिया में है। धीरे-धीरे टिशू पेपर की डिमांड और तेजी से फैल रही है क्योंकि कोरोना महामारी के बाद सभी लोग छोटे-मोटे काम के बाद भी टिशू पेपर से हाथ साफ कर रहे हैं। यह एक स्टेटस और फैशन सिंबल बन चुका है। आने वाले समय में इसकी डिमांड और बढ़ सकती है इस वजह से यह बिजनेस कभी बंद नहीं होगा।

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Tissue Paper Business in Hindi

अगर आप टिशू पेपर का व्यापार (Tissue Paper Business) करने में उत्सुक है तो किस प्रकार कम पैसे में इसे आसानी से शुरू किया जा सकता है इसकी पूरी प्रक्रिया नीचे बताई गई है। किसी भी बिजनेस को शुरू करने से पहले उसका बिजनेस मॉडल और लागत और मार्केटिंग को समझना जरूरी होता है।

Tissue Paper Business in Hindi – Overview

Name of PostTissue Paper Business in Hindi
DepartmentMSME Department
EligibilityAnyone can start this business in less profit
BenefitsYou get high profit
Years2024

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Tissue Paper Business in Hindi

टिशू पेपर या नैपकिन खास किस्म के पेपर का एक परत होता है। यह बहुत ही मुलायम और तुरंत गल जाने वाला होता है। इस वजह से इसका इस्तेमाल छोटे-मोटे कामों के बाद हाथ साफ करने या फिर किसी चीज को पहुंचने के लिए किया जाता है। पहले इसका इस्तेमाल बड़े-बड़े जगह पर होता था। लेकिन कोरोना महामारी के बाद टिशू पेपर का इस्तेमाल रेस्टोरेंट घर और लगभग सभी सामान्य जगह पर होने लगा है। आज टिशू पेपर का इस्तेमाल लोगों के लिए एक स्टेटस सिंबल बनता जा रहा है।

इन सभी कारणों की वजह से टिशू पेपर की डिमांड बढ़ती हुई नजर आ रही है। आज के समय में आधुनिक गतिविधि का इस्तेमाल करके आप आसानी से टिशू पेपर तैयार कर सकते हैं। इसकी पूरी प्रक्रिया नीचे सरल शब्दों में समझाइए गई है।




टिशू पेपर बिजनेस मॉडल

टिशू पेपर बनाने के लिए खास किस्म के पेपर की जरूरत होती है जिसे जीएसएम 15 (Gram Per Square Metre) कहा जाता है। आप इसे आसानी से कहीं से भी खरीद सकते हैं। इसके बाद एक मशीन के जरिए इस टिश्यू पेपर या पेपर नैपकिन में बदल जाता है। इस बात को समझिए कि वर्तमान समय में टिशू पेपर शहर में ज्यादा इस्तेमाल होता है गांव में बहुत कम इस्तेमाल होता है।

इस वजह से आप चाहे प्रोडक्ट को कहीं भी बनाएं इस शहर में ले जाकर बचना होगा। आपको ऐसा लोकेशन चुनना होगा जहां आप मशीन सेटअप कर सके और अपने प्रोडक्ट को आसानी से शहर ले जा सके। टिशू पेपर थोक में दिखता है और बड़े-बड़े मॉल में दुकान भी इसे खरीदते हैं। इसके अलावा आप टिशू पेपर ऑनलाइन भी बेच सकते हैं। शुरुआत में आपके छोटे-छोटे दुकान में और ऑनलाइन बचना चाहिए।

छोटे दुकान और ऑनलाइन बेचने पर पेमेंट अटकने की संभावना बहुत कम होती है। जब आप अच्छा प्रॉफिट कमाने लगे तब आपको थोक बाजार में इंटर करना चाहिए। 

टिशू पेपर के व्यापार में कितना लागत लगेगी?

टिशू पेपर का लागत मुख्य रूप से इसे बनाने वाली मशीन पर निर्भर करता है। इसके अलावा आप कितना टिशू पेपर बनाते हैं और उसके लिए पेपर कैसा और कितना खरीदने हैं इस पर भी लागत निर्भर करता है। अगर हम टिशू पेपर के मशीन की बात करें तो 4 लाख से 5 लख रुपए में आप इंडियामार्ट की आधिकारिक वेबसाइट से इस मशीन को खरीद सकते हैं। ऑफलाइन इसकी मशीन हर जगह नहीं मिलती है इस वजह से ऑनलाइन ज्यादा बेहतर होता है।

इसके साथ ही शुरुआत में आपको बहुत कम पेपर खरीदना चाहिए और कुछ टिशू पेपर बनाकर बेचना चाहिए। अगर हम पेपर के खर्चे को मिला दे तो अब आसानी से ₹600000 की लागत में इस बिजनेस को अच्छे से शुरू कर सकते हैं।

टिशू पेपर बनाने की विधि

टिशू पेपर बनाने के लिए आपको सबसे पहले टिशू पेपर बनाने वाला मशीन खरीदना होगा। इसके बाद इस मशीन को किसी छोटे कमरे में शिफ्ट करना होगा जिसके लिए आप शहर के आसपास कोई कमरा किराए पर ले सकते हैं। कच्चे माल के रूप में कागज की जरूरत होती है। टिशू पेपर के लिए जीएसएम पेपर का इस्तेमाल किया जाता है। बाजार में इसकी कीमत ₹50 प्रति किलो से ₹70 प्रति किलो है। आप जिस गुणवत्ता का टिशू पेपर बनाना चाहते हैं उसके अनुसार इस कागज को खरीदे। आपको बता दे क्वांटिटी के अनुसार कीमत में कमी आ सकती है।

इस कागज को मशीन के अंदर डालना है और तुरंत आपका टिशू पेपर तैयार हो जाएगा। आप जितनी देर मशीन को चलाएंगे उसके अनुसार आप टिशू पेपर बना सकते हैं। आप एक दिन में अगर 10 घंटा मशीन चलाते हैं तो लगभग 1 महीने में 10000 किलो टिशू पेपर तैयार हो जाएगा। कागज को मशीन के अंदर रूल के रूप में डालना होता है और टिशू पेपर भी रोल में निकलता है। आप बाजार में रोल के रूप में बेच सकते हैं लेकिन शुरुआत में अगर आप इसे खुदरा दुकान और ऑनलाइन बेचना चाहते हैं तो टिशू पेपर को काटकर छोटे-छोटे पैकेट बनाकर बेचे।




टिशू पेपर बिजनेस से मुनाफा

अगर हम इस व्यापार से होने वाले मुनाफा की बात करें तो टिशू पेपर आराम से ₹60 प्रति किलो से ₹75 प्रति किलो के भाव पर बिकता है। आप 1 महीने में आराम से 10000 किलो टिशू पेपर बना सकते हैं जिसकी कीमत ₹600000 होगी। अगर हम बहुत कम हिसाब करने की कोशिश करें तो आप आराम से 1 साल में 10 लाख रुपए टिशू पेपर के बिजनेस से मुनाफे के रूप में कमा सकते हैं।

सरल शब्दों में अगर आप मशीन का सही तरीके से मेंटेनेंस करते हैं और अच्छी क्वालिटी का कागज इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा शुरुआत में थोक बाजार में घुसने से पहले इसे खुदरा व्यापार और ऑनलाइन बेचते हैं और धीरे-धीरे व्यापार को बड़ा बनाते हैं तो हर महीने का लख रुपए कामना बड़ी बात नहीं है।

निष्कर्ष

हमने इस लेख में आपको बताया कि टिशू पेपर का बिजनेस (Tissue Paper Business in Hindi) कैसे किया जाता है और किस प्रकार आप आसानी से इस व्यापार के जरिए अच्छा पैसा कमा सकते हैं। हमने सभी अभिभावकों को इस बिजनेस में लगने वाले लागत और अन्य जानकारी के बारे में विस्तार पूर्वक बताया है अतः इसे अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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The Author

Abhishek Singh

मेरा नाम अभिषेक सिंह है, मैंने BSc Physics (Hons) की पढ़ाई की है और मै Technology, Business, Education, और अलग अलग Trending Topics पर आर्टिकल लिखता हूँ। मुझे इस तरह अलग अलग टॉपिक पर ब्लॉग लिखने का 2 साल का अनुभव है।

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