Soil Health Card Skim 2023: –नमस्कार दोस्तों आज के लेख में हम बात करने वाले हैं मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के बारे में इस योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने वर्ष 2015 में शुरू की थी। जैसा कि दोस्तों हम सभी को पता है कि भारत हमेशा से ही एक कृषि प्रधान देश रहा है यदि भारत का प्राचीनतम इतिहास को भी पढ़ा जाए तो उसे यह पता चलता है कि भारत हजारों साल से कृषि उत्पादन के क्षेत्र में हमेशा से अव्वल रहा है।
लेकिन हमारे देश की भीतर की मिट्टी में इतना अधिक उपज देने की क्षमता के बावजूद भी किसानों की आर्थिक स्थिति के बारे में आज हर कोई अच्छे से वाकिफ है, वर्तमान समय में बहुत से किसान आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या कर लेते हैं।इस समस्या से निजात पाने के लिए केंद्र सरकार ने कई योजनाएं किसानों के लिए शुरू की है जिससे उन्हें बड़े पैमाने पर लाभ हो रहा है।
- दोस्तों हमारी धरती माता के अंदर आप सभी को पता है कि बहुत सारे खनिज पदार्थ होते हैं भारी मात्रा में कई सूक्ष्म तत्व की उपस्थिति मृदा में उपलब्ध रहती है। जब हम किसी फसल के पौधों के बीच को जमीन के भीतर डालते हैं तो वह इन्हीं खनिज पदार्थों की मदद से वृद्धि करता है और एक पेड़ का निर्माण होता है इन पेड़ों से हमें फसल की प्राप्ति होती है।
- दोस्तों अब यह सोचने वाली बात है कि यदि किसी मृदा के खनिज पदार्थों का लगातार दोहन किया जाएगा तब कुछ निश्चित समय बाद उसमें उपस्थित खनिज पदार्थों की मात्रा कम होने लग जाएगी और हमें कम पैदावार प्राप्त होगा। इसी समस्या को देखते हुए वर्ष 2015 में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम की शुरुआत की गई थी जिसके अंतर्गत देश भर की मिट्टी की जांच की जाएगी कि उसमें किस मिनरल्स की कितनी मात्रा है और यह किस फसल के उत्पादन के लिए सबसे उपयुक्त मृदा है इसका पता लगाया जाएगा।
- इससे किसानों को अपने खेत की मिट्टी के बारे में जानकारी मिल पाएगी और वह वही फसल उसमें लगाएंगे जिससे उन्हें लाभ मिलने की भरपूर संभावना रहेगी इससे किसान भाइयों को कम लागत में अधिक मुनाफा होने की संभावना जताई जा रही है इससे उनकी आय में वृद्धि भी होगी।
Soil Health Card Skim 2023 Highlight
योजना का नाम | मृदा स्वास्थ्य कार्ड स्कीम 2023 |
योजना शुरू की गई है | केंद्र सरकार द्वारा |
किसके द्वारा शुरू की गई है | प्रधानमंत्री जी द्वारा |
योजना का शुरुआती वर्ष | 2015 |
संबंधित मंत्रालय | कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय |
वर्ष | 2023 |
लाभार्थी | देश के नागरिक |
आवेदन की प्रक्रिया | ऑनलाइन माध्यम से |
योजना की आधिकारिक वेबसाइट | soilhealth.dac.gov.in/ |
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना क्या है?
दोस्तों मृदा स्वास्थ्य कार्ड मृदा के अंदर उपलब्ध तथ्यों के बारे में जानकारी लेने तथा मिट्टी किस फसल के लिए उपयोगी है इस बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए इस कार्ड को बनाया जाता है।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड को वर्ष 2003 से 2004 के बीच में कुछ वैज्ञानिक द्वारा पहल की गई थी इस पहल की शुरुआत पहली बार गुजरात में की गई थी गुजरात मृदा की जांच करने वाला पहला राज्य था। गुजरात में 100 से भी अधिक मृदा प्रयोगशाला का निर्माण किया गया था इस योजना का इस राज्य में काफी संतोषजनक परिणाम मिला इसकी शुरुआत होने के बाद गुजरात के कृषि आय 2001 में 14000 करोड रुपए से बढ़कर 2010-11 में लगभग 80000 करोड रुपए तक पहुंच गई थी ।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड की इस सफलता को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर लांच करने का विचार किया जिसमें मृदा प्रबंधन कार्यप्रणाली और मृदा स्वास्थ्य बहाली को प्रोत्साहन देने के लिए प्रथम 3 वर्ष की अवधि में जनसंख्या के व्यापक स्तर पर 14 करोड़ कार्ड धारकों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया था।
- दोस्तों कृषि भूमियों में मूल्यवान पोषक तत्वों की कमी के कारण कृषि वैज्ञानिक पहले से ही चिंतित थे इन वैज्ञानिकों ने तो यहां तक चुदाने दे दी थी कि भारत के विभिन्न भागों में अकाल और सूखे की संभावना दिख रही है। यदि आवश्यक सुधार नहीं किया गया तो देश के भीतर अगले 10 वर्षों के बाद भोजन की कमी हो सकती है इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने देश भर की जमीनों को मैपिंग कर उनकी मृदा जांच करने का लक्ष्य रखा था जिससे मृदा में जिस तत्व की कमी है उसकी जानकारी कृषि वैज्ञानिकों को देकर इसमें किस तरह का सुधार करना है इसके लिए वैज्ञानिकों से सलाह ली जा सके।
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हर खेत हर स्वास्थ्य अभियान का शुभारंभ-
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत 19 फरवरी 2015 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ में राष्ट्रव्यापी इस योजना का शुरुआत किया गया था। इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण युवा एवं किसान जिनकी आयु 40 वर्ष तक है मृदा प्रशिक्षण प्रयोगशाला की स्थापना नमूना प्रस्तुत कर सकते हैं। प्रयोगशाला स्थापित करने में लगभग ₹500000 तक का खर्च आता है जिसका लगभग 75% हिस्सा केंद्र सरकार व राज्य सरकार मिलकर वाहन करती है।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के अंतर्गत मृदा की स्थिति का आकलन नियमित रूप से राज्य सरकारों द्वारा प्रति 2 वर्ष में किया जाता है जिससे मृदा के अंदर पोषक तत्वों की कमी की पहचान के साथ ही उसके सुधार पर सलाह ली जा सके।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के लक्ष्य तथा उद्देश्य-
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद/ राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के संपर्क में क्षमता निर्माण कृषि विज्ञान के छात्रों को शामिल करके मृदा का परीक्षण प्रयोगशालाओं के क्रियाकलापों को सुचारु रुप से चलाना तथा सशक्त बनाना है।
- सब प्रबंधन परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार जिला और राज्य स्तरीय कर्मचारियों के साथ-साथ प्रगतिशील किसानों के अनुभव तथा क्षमता का इस्तेमाल करेगी।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना जहां एक तरफ किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है वहीं दूसरी तरफ इस योजना के मदद से ग्रामीण युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार भी मिल पा रहा है।
- किसान भाइयों को मृदा के भीतर अन्य पोषक तत्वों की जानकारी नहीं हो पाने के कारण वे अधिक पैमाने पर यूरिया यानी कि नाइट्रोजन का छिड़काव कर देते हैं जो फसलों को एक निश्चित समय के बाद निशान देने लगता है।
- राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार मृदा स्वास्थ्य कार्ड पर सिफारिशों के तहत रासायनिक उर्वरकों में 8 से 10% की कमी देखी गई है तथा इसके साथ ही उपज में 5 से 6% की वृद्धि भी आंकी गई है।
मृदा हेल्थ कार्ड से प्राप्त जानकारियां
मृदा हेल्थ कार्ड से निम्नलिखित जानकारियां प्राप्त होती हैं-
- मिट्टी की सेहत
- खेत की उत्पादन क्षमता
- पोषक तत्व की मौजूदगी एवं पोषक तत्व की कमी
- मिट्टी में नमी की मात्रा
- अन्य उपस्थित पोषक तत्व
- खेतों की गुणवत्ता सुधारने हेतु उचित दिशा निर्देश
मृदा सैंपलिंग में शामिल एजेंसियों के नाम-
- सीजी कृषि विभाग के कर्मचारी और मृदा परिषद प्रयोगशाला
- मृदा साइंस कॉलेजेस एवं छात्र एवं फल टेस्टिंग लैबोरेट्री स्टाफ
- राज्य कृषि विश्वविद्यालय और उनके मृदा परीक्षण कर्मचारी
मृदा परीक्षण में शामिल एजेंसी के नाम –
- निविदा के माध्यम से निजी एवं आउटसोर्सिंग एजेंसी
- मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं
- परीक्षण प्रयोगशाला
- साइंस कॉलेज
मृदा हेल्थ कार्ड स्कीम में आवेदन कैसे करें?
जो भी किसान मृदा हेल्थ कार्ड स्कीम में आवेदन करने केइच्छुक है और वह आवेदन करना चाहते हैं वह नीचे बताए गए तरीके को फॉलो करके इस योजना में आवेदन कर सकते हैं-
- मुद्रा हेल्थ कार्ड स्कीम में आवेदन करने के लिए आवेदक को सर्वप्रथम इस योजना की ऑफिशल वेबसाइट Soil Health Card (dac.gov.in) पर विजिट करना होगा
- अब योजना की अधिकारिक वेबसाइट का होमपेज आपके सामने खुल जाएगा इस होम पेज पर आपको लॉगइन के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा, जैसे ही आप इस ऑप्शन पर क्लिक करेंगे आपके सामने आगे का पेज खुल जाएगा इस पर इसमें मांगी गई जानकारी जैसे स्टेट का चयन करना होगा
- स्पीड का चयन करने के बाद आपको कंटिन्यू के बटन पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आपके सामने आगे का पेज को ओपन होगा
- इस पेज पर आपको लॉगइनफॉर्म खुल जाएगा जिसमें आपको नीचे की तरफ न्यू रजिस्ट्रेशन के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। जैसे ही आप इस ऑप्शन पर क्लिक करेंगे आपके सामने रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल जाएगा
- इस रजिस्ट्रेशन फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारियां जैसे यूज़रऑर्गेनाइजेशन डिटेल, यूजर डीटेल्स ,यूजर लॉगइन अकाउंट डिटेल आदि सभी पूछी गई जानकारी को भरनी होती है।
- लॉगइन फॉर्म में आपको अपना यूजरनेम और पासवर्ड डालना होता है इस तरह से आपका मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लिए आवेदन प्रक्रिया कंप्लीट हो जाती है।
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आवेदन कर्ता अपनी मृदा सैंपल को ट्रैक करने की प्रक्रिया क्या है?
सबसे पहले किसान भाई को साहिल हेल्थ पोर्टल के अधिकारी वेबसाइट पर जाना होगा अब आपके सामने एक होम पेज खुलकर आएगा, होम पेज पर आपको फार्मर कॉर्नर के अंतर्गत ट्रेक योर सैंपल का ऑप्शन दिखेगा अब आप यहां क्लिक करें आपके सामने एक नया पेज खुल कर आएगा जिसमें आप अपने राज्य, जिले, मंडल अथवा गांव का चयन करने होंगे तथा फार्मर का नाम विलेज ग्रिड नंबर एवं सैंपल नंबर दर्ज करना होता है, इसके पश्चात आपको सर्च बटन पर क्लिक करना होगा अब आपके सामने आपके सैंपल की स्टेटस की जानकारी आपकी स्क्रीन पर मिल जाएगी।
मृदा हेल्थ कार्ड प्रिंट कैसे करें?
सॉइल हेल्थ कार्ड प्रिंट करने के लिए आपको सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा ऑफिशल वेबसाइट पर जाने के बाद आपके सामने एक होम पेज खुलेगा, इस होमपेज के फार्मर कॉर्नर में प्रिंट सोयल हेल्थ कार्ड का ऑप्शन दिखाई देगा आपको इस ऑप्शन पर क्लिक करके, अपना स्टेट का चयन करना होता है चयन करने के बाद आपके सामने एक फॉर्म खुलेगा इस फॉर्म में आपको अपने जिले, गांव तथा फार्मर नाम आदि की जानकारी भरने होती है। आदि जानकारी भरने के बाद आपको सर्च बटन पर क्लिक करना होगा इसके पश्चात आपके सामने एक मृदा स्वास्थ्य कार्ड खुल जाएगा आप इसे प्रिंट कर सकते हैं।
आवेदन कर्ता अपनी मृदा सैंपल को ट्रैक करने की प्रक्रिया क्या है?
किसान भाई द्वारा जमा किए गए मृदा सिंपल को ट्रैक करने की प्रक्रिया यह है कि- सबसे पहले किसान भाई को साहिल हेल्थ पोर्टल के अधिकारी वेबसाइट पर जाना होगा अब आपके सामने एक होम पेज खुलकर आएगा, होम पेज पर आपको फार्मर कॉर्नर के अंतर्गत ट्रेक योर सैंपल का ऑप्शन दिखेगा अब आप यहां क्लिक करें आपके सामने एक नया पेज खुल कर आएगा जिसमें आप अपने राज्य, जिले, मंडल अथवा गांव का चयन करने होंगे तथा फार्मर का नाम विलेज ग्रिड नंबर एवं सैंपल नंबर दर्ज करना होता है, इसके पश्चात आपको सर्च बटन पर क्लिक करना होगा अब आपके सामने आपके सैंपल की स्टेटस की जानकारी आपकी स्क्रीन पर मिल जाएगी।
अपने आसपास की मृदा हेल्थ टेस्टिंग लैबोरेट्री लोकेट करने की प्रक्रिया क्या है?
सर्वप्रथम किसान भाई को योजना के अधिकारिक पोर्टल पर विजिट करना होगा ,अब आपके सामने होम पेज खुल कर कर आएगा होम पेज पर आपको फार्मर कॉर्नर के अंतर्गत लोकेट सॉइल टेस्टिंग लैबोरेट्री के लिंक पर क्लिक करना होगा, के बाद आपके सामने एक नया पेज खोलकर आएगा जिसमें आपको अपने राज्य तथा जिले का चयन करना होता है अब आपको ब्लू रिपोर्ट या फिर भी उम्मीद के बटन पर क्लिक करके हेल्थ टेस्टिंग लैबोरेट्री का लोकेशन देख सकते हैं यहां पर आपको लेबोरेटरी का पूरी सूची देखने को मिलेंगी।