SIP vs PPF : जब हम निवेश करने का विचार बनाते हैं तब हमारे सामने दो विकल्प काफी ज्यादा देखने को मिलते हैं इसमें पहला – पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी की ‘पीपीएफ’ है और दूसरा एसआईपी यानी कि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान काफी ज्यादा देखने को मिलता है।
बाजार में निवेश करने के कई विकल्प मौजूद है लेकिन आपके लिए कौन सा निवेश विकल्प सबसे ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। यही जानने के लिए आज हम आपके लिए एसआईपी और पीपीएफ कंपैरिजन लेकर आए है।
इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आपके लिए SIP और PPF में से कौन सा इन्वेस्टमेंट सबसे ज्यादा फायदेमंद हो सकता है?
SIP vs PPF – Overview
विवरण | SIP | PPF |
उत्पाद सरंचना | लम्बी अवधि के लक्ष्यों के लिए निवेश योजना | लम्बी अवधि के लक्ष्यों के लिए
सरकार द्वारा समर्थित छोटी बचत योजना |
निवेश पर रिटर्न | बाजार से सम्बन्धित | गारंटीशुदा रिटर्न |
निवेश कार्यकाल | छोटी एवं दीर्घकालिक अवधि के लिए उपयुक्त! | 15 वर्ष की दीर्घकालिक अवधि के अतिरिक्त 5 वर्ष का विस्तार |
जोखिम स्तर | अधिक जोखिम भरा हुआ | कम जोखिम भरा |
निवेश उद्देश्य | लम्बी अवधि के लिए धन संचय और उच्च ब्याज दरें | लम्बी अवधि के लिए बचत और गारंटीशुदा रिटर्न |
तरलता | अत्याधिक तरल | कम तरह |
लॉक अवधि | कोई लॉक-इन अवधि नहीं लेकिन कुछ मायनों में 3 वर्ष हो सकती है | अधिकतम 15 वर्ष |
SIP or PPF Which is Better? – एसआईपी या पीपीएफ (SIP vs PPF) कौन सा बेहतर है?
एसआईपी और पब्लिक प्रोविडेंट फंड दोनों ही दीर्घकालिक निवेश विकल्प है। हालांकि, दोनों ही निवेश विकल्प अलग-अलग श्रेणियों में आते हैं और दोनों ही विकल्प के माध्यम से दीर्घकालीन वित्तीय लक्ष्यों को पूरा किया जाता है और भविष्य की योजना बनाने हेतु अर्जित आय को निवेश किया जा सकता है।
सबसे जरूरी बात यह है कि दोनों ही निवेश में वित्तीय जोखिम, सुरक्षा, उत्पाद सरंचना, तरलता, निवेश उद्देश्य, निवेश अवधि और विभिन्न श्रेणियों को अलग-अलग स्तर पर विभाजित किया गया है।
जब आप पब्लिक प्रोविडेंट फंड और एसआईपी में से किसी एक प्लान में निवेश करने का विचार करते हैं तब आप के लिए यह समझना आवश्यक होता है कि दोनों में से कौन सा निवेश आपके दिर्घकालिक लक्ष्य को पूरा कर सकता है इससे भी ज्यादा जरूरी ये समझना है कि कौन सा निवेश आपकी इच्छाअनुसार आपके लक्ष्य को पूरा कर रहा है।
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Which is Better PPF or SIP? SIP vs PPF in Detail
क्या आपको सुरक्षित निवेश प्लान पसंद है?
- पीपीएफ या एसआईपी किसी भी प्लान में निवेश करने से पहले यह समझना काफी आवश्यक है कि आप किस चीज को अधिक प्राथमिकता देते है?
- अगर आप सुरक्षा को अधिक प्राथमिकता देते हैं तब आप के लिए पीपीएफ यानी कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।
- पब्लिक प्रोविडेंट फंड सरकार द्वारा समर्थित निवेश साधन है इसलिए यह काफी ज्यादा सुरक्षित है। जब आपका पैसा सुरक्षित हाथों में होता है तब आपको निश्चित तौर पर निवेश रिटर्न प्राप्त होता है।
- ‘एसआईपी का निवेश प्रतिफल बाजारों के अधीन है’। एसआईपी में आपको जोखिम देखने को मिल सकता है।
- यहां पर आपको गारंटीड निवेश का प्रतिफल प्राप्त नहीं होता है बल्कि आप को बाजार के उतार-चढ़ाव का सामना करना होता है लेकिन अगर दीर्घकालिक दृष्टि से देखें तो आपका जोखिम कम हो सकता है।
- एसआईपी का प्रबंधन ‘वित्तीय विशेषज्ञों’ द्वारा किया जाता है अगर आप SIP में दीर्घकालिक निवेश करते हैं तब आपका जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है।
- अगर आप सुरक्षा को अधिक महत्व देते हैं तब आप पब्लिक प्रोविडेंट फंड को चुन सकते है।
क्या आप फ्लैक्सिबिलिटी को पसंद करते है?
- यदि आप तरलता यानी कि ‘फ्लैक्सिबिलिटी’ को पसंद करते हैं तब आपको पब्लिक प्रोविडेंट फंड और एसआईपी दोनों ही उत्पाद की सरंचना को जानना आवश्यक है।
- पीपीएफ और एसआईपी दोनों ही लंबी अवधि वाले निवेश प्लान है। पीपीएफ में आपको कम से कम 7 वर्ष की अवधि तक निवेश करना होता है। पीपीएफ की परिपक्वता अवधि 15 वर्ष तक निर्धारित की गई यानी कि पीपीएफ लॉक अवधि के साथ आता है जिस वजह से आप समय से पहले अपना पैसा नहीं निकाल सकते है।
- अगर हम एसआईपी पर ध्यान दें तब यहां पर आपको अधिक फ्लैक्सिबिलिटी मिल जाती है। यानी कि आप छह महीनों के भीतर या कभी भी अपना पैसा बाहर निकाल सकते है।
- भले ही पीपीएफ खाते में परिपक्वता अवधि 15 वर्ष तक निर्धारित की गई है लेकिन इसके बावजूद भी एक समय सीमा के बाद आप अपना कुछ पैसा पीपीएफ अकाउंट से जरूर निकाल सकते है।
- पीपीएफ खाता और एसआईपी दोनों में ही आपको अच्छी फ्लैक्सिबिलिटी देखने को मिलती है। यानी कि दोनों ही प्लान में आपको अपनी इच्छा अनुसार निवेश करने की अनुमति दी जाती है। आप दोनों ही प्लान में एकमुश्त राशि में या फिर समय-समय पर थोडा-थोडा निवेश कर सकते है।
उच्च ब्याज दरें
- अगर आपका उद्देश्य उच्च ब्याज दर प्राप्त करना है तब आपके लिए एसआईपी और पीपीएफ का विश्लेषण करना काफी जरूरी है।
- पीपीएफ खाते में आपको प्रतिवर्ष 7% से लेकर 7.50% फीसदी की दर से ब्याज प्रदान होता है। हालांकि, जब आप दूसरी और एसआईपी में निवेश करते हैं तब आपका रिटर्न पूरी तरह से बाजार पर निर्भर करता है।
- एसआईपी में आपको सालाना 12% से लेकर 25% तक भी इंटरेस्ट रेट प्राप्त हो सकता है। सबसे जरूरी है कि आप किसी विश्वसनीय फंड हाउस की एसआईपी में निवेश करें।
- इसके अलावा एसआईपी से संबंधित पुराने परिणाम भी देख सकते है। अगर आप ज्यादा ब्याज प्राप्त करना चाहते हैं तब आपके लिए एसआईपी अच्छा निवेश हो सकता है।हालांकि, इसमें कुछ जोखिम की संभावना होती है।
- अगर आप निवेश पर गारंटीड रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं और कम ब्याज दर के साथ खुश हैं तब आप पीपीएफ में निवेश कर सकते है।
- अगर आप उच्च ब्याज दर प्राप्त करना चाहते है तब आपको SIP के साथ जाना चाहिए।
निवेश रकम और अवधि
- पब्लिक प्रोविडेंट फंड और एसआईपी में निवेश करने से पहले आपको यह समझना काफी जरूरी है कि आप कितना अधिक निवेश करना चाहते है? और कितने समय के लिए निवेश करना चाहते है।
- पीपीएफ की बात की जाए तो यहां पर अधिकतम आप 1.5 लाख रुपए तक का निवेश कर सकते हैं यह इसकी अधिकतम निवेश राशि है।
- अगर आप एसआईपी पर निवेश करना चाहते हैं तब यहां पर निवेश की सीमा पर कोई पाबंदी नहीं है आप अधिकतम कितना भी निवेश कर सकते है।
- दोनों ही निवेश प्लान में आप दीर्घकालीन लक्ष्य को पूरा कर सकते हैं और दोनों ही प्लान में आप ₹100 से लेकर ₹500 प्रति माह का मिनिमम निवेश कर सकते है।
- हालांकि, पीपीएफ में केवल अधिकतम 1.5 लाख तक का ही निवेश जारी रख सकते हैं अगर आप अधिक निवेश करना चाहते हैं तब आपके लिए SIP सही प्लान हो सकता है या फिर आप दोनों ही प्लान में एक साथ निवेश कर सकते है।
- दीर्घकालीन दृष्टि से देखा जाए तो सबसे महत्वपूर्ण है यह भी है कि आप एसआईपी और पीपीएफ दोनों में ही इनकम टैक्स सेक्शन 80c के तहत 1.5 लाख तक टैक्स में छूट का लाभ प्राप्त कर सकते है।
सारांश
इस लेख के माध्यम से हमने आपको एसआईपी बनाम इपीएफ के बारे में जानकारी प्रदान की है। लेख के माध्यम से PPF vs SIP स्कीम के बारे में कंपैरिजन करके आपको बेहतरीन स्कीम चुनाव करने का उपाय बताया गया है। आप यहां से आसानी से कंपैरिजन को देख सकते हैं और अपने लिए बेहतर निवेश प्लान चून सकते है। धन्यवाद!