Saving Tips from Chanakya – मौर्य समाज में विष्णु गुप्त के नाम से जाने जाने वाले महान विद्वान को इतिहास चाणक्य के नाम से याद रखती है। चाणक्य ने अर्थशास्त्र नाम का किताब लिखा है पहली बार सुनने में ऐसा लगता है कि यह इकोनॉमिक्स से जुड़ा है लेकिन असल में यह किताब राजनीति से जुड़ी हुई है। इस किताब में चाणक्य ने यह समझाने का प्रयास किया है कि एक अच्छे जीवन के लिए हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। इसके अलावा राज व्यवस्था और राजनीति प्रतिक्रिया के बारे में भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है।
चाणक्य के लिखे इस किताब के द्वारा अपने पैसे को बचाने और पैसे के नजरिए से अपने भविष्य को सुरक्षित करने के बारे में कौन सा ज्ञान दिया गया है उसके बारे में बताएंगे। हम आपको कुछ महत्वपूर्ण टिप्स और टिप्स के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देने जा रहे हैं।
Saving Tips from Chanakya Niti In Hindi – Overview
Name of Post | Saving Tips from Chanakya / Chanakya Niti In Hindi |
Tips from | Book of Arthshastri |
Eligibility | Anyone can follow these tips |
Benefits | You able to make good saving |
Years | 2024 |
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Chanakya Niti
आज से हजारों साल पहले चाणक्य ने मौर्य वंश के साथ अखंड भारत की नींव रखी थी। उन्हें भारत के कुछ सबसे विद्वान लोगों में से एक माना जाता है। उनके विचार के आधार पर आज भी मिलिट्री और अर्थशास्त्र के विभिन्न क्षेत्रों में काम हो रहा है। आज हम चाणक्य के द्वारा सेविंग को लेकर कहीं गई बातों के बारे में विस्तार पूर्वक जानने का प्रयास करेंगे –
धन की रक्षा करना क्यों महत्वपूर्ण है?
चाणक्य कहते हैं कि एक संतुलित मात्रा में धन को इकट्ठा करना और समय-समय पर उचित स्थान पर इसका खर्च होना ही धन को बचाने का सही तरीका है। अगर आप हर तरह के खर्चे को बचाने की ही कोशिश करेंगे तो धन बचने की बजाय आप छोटे से धान में ही उलझ कर रह जाएंगे।
एक कहावत है “कपार फूटे तो फूट मगर नमरी ना टूटे”
यह बिहार का एक प्रचलित कहावत है इसका मतलब है कि पैसा इतना भी नहीं बचना चाहिए कि सर फूटने पर भी किसी काम का ना हो। इसलिए पैसा बचाने के लिए बढ़ाने से पहले यह तय करें कि उसे कहां और किस प्रकार खर्च करना है। समय-समय पर सही तरीके से खर्च किया हुआ पैसा ही सही तरीके से बच सकता है।
धन का सही तरीके से निवेश करें
Chanakya कहते हैं कि धन को सही तरीके से निवेश करना जरूरी है। आपको याद हवन कर्मकांड इस तरह की चीजों में निवेश करने को कहा गया है लेकिन आज के समय में निवेश प्रक्रिया बदल गई है इस वजह से इसका भी आपको ध्यान रखना चाहिए। चाणक्य अपने अर्थशास्त्र में बताते हैं कि बेवजह संचय किया हुआ धन किसी कार्य का नहीं होता है। इसलिए धन संचय के पीछे हमेशा एक उचित उद्देश्य होना चाहिए।
धन रखने का उचित उद्देश्य क्या है और किस उद्देश्य से आप पैसे को बचा रहे हैं और इसका निवेश आप कहां कर रहे हैं यही बताता है कि आने वाले समय में पैसा का किस प्रकार इस्तेमाल हो पाएगा और आप कितना सुरक्षित भविष्य को बना पाएंगे।
धान का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें और निवेश करें
धन बचाना जरूरी है लेकिन उसे बचाने का एक उद्देश्य होना चाहिए और निश्चित उद्देश्य पर उसे धन का खर्च होना भी जरूरी है। Chanakya ने धान की तुलना जल से की है उन्होंने कहा है कि जिस प्रकार तालाब का जल एक जगह पर पड़े पड़े दुर्गंध देने लगता है इस तरह अगर पैसे का सही तरीके से इस्तेमाल न किया जाए तो वह बर्बाद हो जाता है।
धान का सही तरीके से निवेश करना और सही तरीके से उसका खर्च होना भी जरूरी है धन जितना ज्यादा खर्च होता रहे और निवेश होता रहे उसके वापस आने की संभावना उतनी अधिक बढ़ जाती है जो आने वाले समय में आपको धनवान बन सकती है।
निष्कर्ष
इस लेख में हमने आपको Chanakya Niti In Hindi के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी है जिसे पढ़कर आसानी से आप समझ सकते हैं कि चाणक्य पैसे को किस प्रकार निवेश करने और खर्च करने के बारे में बता रहे है। इसके अलावा पैसे से जुड़ी अन्य प्रकार की जानकारी के बारे में भी अच्छे से समझाया गया है।
क्विक लिंक्स
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