Rbi Guidelines for Loan Recovery : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा न्यू अपडेट जारी की गई है। भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को बताया कि अब जानबूझकर ऋण न चुकाने वाले सभी कर्जदारों की पहचान की जायेगी।
आरबीआई द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं जिसके मुताबिक सभी ऋणदाताओं को 25 लाख या उससे अधिक बकाया वाले खाते की पहचान करनी होगी।
इसमें वे सभी खाते शामिल होंगे जिन्होंने 25 लाख या उससे अधिक ऋण ले रखा है और वे जानबूझ कर ऋण चुकाने में खुद को असमर्थ बता रहे है।
अब सभी एनबीएफसी और सहकारी बैंकों को उन सभी डिफाल्टर के नाम बताने की अनुमति दी गई है जिन्होंने 6 भीतर सक्षम होने के बाद भी जानबूझकर लोन चुकाने में चूक की है। ऐसे सभी डिफाल्टर को अब विलफुल डिफाल्टर की लिस्ट में शामिल किया जाएगा।
6 महीने तक लोन न चुकाने वालों का नाम होगा विलफुल डिफाल्टर में शामिल, किसी भी ऋण दाता से नहीं मिलेगी ऋण सुविधा, जाने पूरी खबर
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एनबीएफसी एवं बैंकिंग सिमिति को डिफाल्टर के नाम बताने के आदेश दिए गए है। अब सभी वित्त संबंधित बैंकों को 31 अक्टूबर 2023 तक सुझाव देने को कहा गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक की नई गाइडलाइन के अनुसार, अब 6 महीने तक सक्षम होने के बाद भी जानबूझकर कर्ज ना चुकाने वाले कर्जदारों को विलफुल डिफाल्टर की श्रेणी में शामिल कर दिया जाएगा।
6 महीने के प्रस्ताव के बाद कानूनी कार्रवाई
बीते कुछ दिनों पहले आरबीआई द्वारा अपने मसौदा मास्टर निर्देशों में प्रस्ताव दिया गया है कि अगर ऋणदाता के किसी खाते पर गैर निष्पादित संपत्ति यानी कि (NPA) घोषित किए जाने के 6 महीने के भीतर ऋणदाता डिफॉल्ट किए जाने पर सभी कर्जदारों को “जानबूझकर डिफॉल्ट” करने की श्रेणी में शामिल कर दिया जाएगा।
आरबीआई द्वारा एनबीएफसी और सहकारी बैंकों को जानबूझकर कर्ज ना चुकाने वाले बड़े करदाताओं के ऊपर कार्रवाई करते हुए उनसे कर्ज वसूलने का आदेश दिया है।
आरबीआई द्वारा जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाले कर्जदाताओं को विलफुल डिफॉल्टर की श्रेणी में शामिल कर दिया जाएगा। ऐसे सभी डिफाल्टर को आगे सूचीबद्ध कर दिया जाएगा इसके बाद इन्हें किसी भी वित्तीय संस्था द्वारा लोन प्रदान नहीं किया जाएगा।
कौन होते है विलफुल डिफॉल्टर? Who are Willful Defaulters?
- विलफुल डिफाल्टर एक ऐसे व्यक्ति को कहा जाता है जो कर्ज को चुकाने की क्षमता रखने के बाद भी जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाता है। ऐसे सभी डिफाल्टर को आरबीआई द्वारा विलफुल डिफाल्टर की श्रेणी में शामिल कर दिया जाता है।
- विलफुल डिफॉल्टर घोषित हो जाने के बाद कर्ज लेने वाले व्यक्ति को किसी भी संस्था द्वारा लोन प्रदान नहीं किया जाता है। ऐसे व्यक्ति को बैंकों द्वारा ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है।
- विलफुल डिफाल्टर के आगे के सभी रास्ते बंद हो जाते हैं उसे किसी भी वित्तीय संस्था द्वारा अगले कुछ सालों तक लोन नहीं दिया जाता है।
- आरबीआई की नई गाइडलाइन के तहत विलफुल डिफाल्टर और बड़े डिफाल्टर को लेकर नियमों में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया है।
- इस प्रस्ताव के पास हो जाने के बाद विलफुल डिफॉल्टरों को सूचीबद्ध कर लिया जाएगा इसके बाद इन्हें पहचानने में आसानी होगी।
विलफुल डिफाल्टर की लिस्ट में कौन लोग शामिल? – Rbi Guidelines for Loan Recovery
आरबीआई के नियमों के मुताबिक ऐसे सभी लोग जो कर्ज चुकाने की क्षमता रखने के बाद भी जानबूझकर खुद को डिफॉल्ट कर देते हैं और सक्षम होने के बाद भी कर्ज का भुगतान नहीं करते हैं उन्हें विलफुल डिफाल्टर की लिस्ट में शामिल किया जाता है।
विलफुल डिफाल्टर में वे रहे लोग भी शामिल होते हैं जो कर्ज की राशि को किसी अन्य उद्देश्य में लगा देते है। इसके अलावा ऐसे लोगों को भी इसमें सूचीबद्ध किया जाता है जो की किसी अन्य उद्देश्य से कर्ज लेते हैं और किसी और उद्देश्य में पैसा लगा देते है।
सारांश
इस लेख के माध्यम से हमने आपको आरबीआई द्वारा जारी की गई न्यू अपडेट के बारे में बताया है। इस लेख को जानबूझकर कर्ज ना चुकाने वाले कर्जदारों के संदर्भ में जारी किया गया है। जानकारी के माध्यम से आपको बताना चाहेंगे कि आरबीआई की ऑफिशल वेबसाइट पर नियम को अपडेट कर दिए जाने के 90 दिनों बाद प्रस्ताव को अमल में लाया जाएगा।