विषय व स्तर |
सेलेबस |
विषय़
स्तर
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- संधि: प्रकार सहित,
- समास: रचना और प्रकार सहित,
- संक्षेपण: अनेक तरह के गद्यावतरणों के संक्षेपण से संवद्ध अभ्यास,
- पारिभाषिक एवं तकनीकी शब्द: उदाहृत वाक्यों में व्यवहृत शब्दों से ऐसे शब्दों की पहचान,
- मुहावरे और लोकोक्तियाँ: वाक्य-प्रयोग, वाक्य-शुद्धि, पद बंध, वाच्य एवं उनके भेद, वाक्य-प्रकार
- साहित्य शास्त्र: शब्द-शक्ति: व्यंजना,
- अलंकार: अर्थालंकार-उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, विरोधाभास, छंद प्रमुख वार्णिक छंद, काव्य-गुण, रस आदि।
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विषय़
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- Reinforcement of items like:
- Sequence of Tenses in Connected speech
- Reported speech in extended texts
- Use of non-finites
- Passive Voice
- Punctuation marks (Semicolon, Colon, Dash, hyphen, parenthesise or use of brackets and exclamation mark)
- Preposition
- Synthesis using cohesive device
- Phrases and idioms including phrasal verbs and prepositional phrases
- Clauses: Conditional Clauses
- Subject- Verb Agreement
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विषय़
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- संख्या-पद्धति- वास्तविक संख्या
- बीजगणित- बहुपद दो चर वाले रैखिक समीकरण, बहुपद दो चर में रैखिक युगपद, समीकरण, द्विघात समीकरण, अंकगणित आवृत्ति।
- व्यवसायिक गणित- शेयर एवं लाभांश, बट्टा, चक्रवृद्धि ब्याज, किस्तों में भुगतान
- नियामक ज्यामिति- नियामक ज्यामिति
- ज्यामिति- युक्लिड की ज्यामिति रेखाएँ एवं कोण, त्रिभुज, चतुर्भज, क्षेत्रफल, वृत्त, बनावट, त्रिभुज, वृत, बनावट
- क्षेत्रमिति- क्षेत्रफल पृष्ठ क्षेत्रफल, समतल क्षेत्र का क्षेत्रफल, पृष्ठों का क्षेत्रफल एवं आयतन
- सांख्यिकी- सांख्यिकी सहायक पाठ
- त्रिकोणिमिति- त्रिकोणमितीय अनुपाद, त्रिकोणमितीय तादात्म्य आदि।
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विषय़
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- पादप एवं जन्तु जनन एवं गुणवत्ता सुधार के लिए चयन उर्वरक एवं खाद का उपयोग करने एवं कीट रोगों से बचाव, जैव कृषि।
- वाष्पीकरण, उष्मा का अवशोषण।
- ठोस, द्रव और गैस विशिष्टता – आकार, आयतन, घनत्व पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन-द्रवण, जमना, वाप्पीकरण, सुघनन, उर्ध्वपातन।
- तत्व, यौगिक और मिश्रण समांगी और असमांगी मिश्रण। कोल्वायड्स और निलंबन, मूल इकाई अणु और परमाणु। स्थिर अनुपात का नियम। आणविक और परमाणविक संहतियाँ।
- मोल की अवधारणा, कण की संहति और संख्या के साथ मोल का संबंध संयोजकता, सामान्य योगिकों के रासायनिक सूत्र। परमाणु सूक्ष्मतम कणों इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से बनते हैं। समस्थानिक (Isotope) समभारिक (Isobars)
- पौधे और जन्तुओं में विविधता- वैज्ञानिक नामाकरण के आधारभूत मुद्दे, वर्गीकरण का आधार।
- वर्गो एवं समूहों का पदानुक्रम – पौघे के प्रमुख समूल (विशेष लक्षण-बैक्टिरिया, थैलोफाइटा, ब्रायोफाइटा, टेरीडोफाइटा, जिमनोस्पर्म एवं एंजीओस्पर्ग)
- जन्तुओं के प्रमुख समूह- अकशेरूकी-फाइलम (संध) तक, कशेरूकी – क्लास (वर्ग) तक कोशिका जीवन की आधारभूत इकाई के रूप में प्रोकारियोट एवं यूकारियोट कोशिका, बहुकोशिकीय जीव-कोशिका झिल्ली एवं कोशिका भित्ति, कोशिकांग
- क्लोरोप्लास्ट, गाइटोकोण्ड्रिया, रिक्तिकाएँ, अंतः द्रव्य जालिका, गॉलजीकांय केन्द्रक, क्रोमोओग की आधारभूत संरचना एवं संख्या। जैविक गठन के स्तर – उत्तक, अंग, अंगतंत्र एवं जीव।
- पादप एवं जन्तु उत्तक की संरचना तथा कार्य (चार प्रकार के जन्तुओं में) तथा विभज्योतक और स्थायी उत्तक पौधों में।
- सूक्ष्मजीवों (जीवाणु, विषाणु एवं प्रोटोजोआ) से उत्पन्न होने वाले रोग एवं बचाव।
- पदार्थो का अन्तर्कोशिकीय एवं किसी लिविंग सिस्टम में कोशिकीय वातावरण में विसरण/विनिमय, पोषण, जल एवं खाद्य पदार्थों का परिवहन, उत्सर्जन, गैसीय आदान-प्रदान में विसरण। विनियम की भूमिका।
- गति-विस्थापन, वेग समान वेग एवं असमानवेग का सरल रेखीय अध्ययन, त्वरण, समान और समान त्वरित गति के लिए वेग-समय ग्राफ. ग्राफीय विधि द्वारा गति के समीकरण, समान वृत्तीय गति का प्रारंभिक ज्ञान
- बल और गति, न्यूटन-के गति नियम, पिंड का जड़त्व, जड़त्व और संहति संवेग, बल और त्वरण, संवेग-संरक्षण का सिद्धांत (प्रारंभिक ज्ञान), क्रिया-प्रतिक्रिया वल गुरूत्वाकर्षण, गुरूत्वाकर्षण के सर्वव्यापी नियम पृथ्वी का गुरूत्वाकर्षण बल (गुरूत्व), गुरूत्व के कारण त्वरण, संहति और भार, स्वतंत्र रूप से गिरता हुआ पिंड।
- कार्य, ऊर्जा और शक्ति – बल के द्वारा किया गया कार्य, ऊर्जा, शक्ति, गतिज एवं स्थैतिज ऊर्जा, ऊर्जा के संरक्षण का नियम।
- तैरती हुई वस्तुएँ – दाब और प्रणोद, आक्रमिडीज का सिद्धांत, उत्पलावन, आपेक्षिक घनत्व का प्रारंभिक ज्ञान।
- ध्वनि की प्रकृति और इसका विभिन्न माध्यमों में अभिगमन, ध्वनि वेग, मानव के सुनने का दायरा, पराध्वनि (अल्ट्रासाउण्ड) ध्वनि का परावर्त्तन, प्रतिध्वनि और सोनार, मानव-कान की संरचना (मात्र सुनने की प्रक्रिया)
- प्राकृतिक संसाधन प्रकृति में संतुलन – भौतिक संसाधन : वायु, जल और मिट्टी, श्वसन हेतु. दहन हेतु, तापक्रम को सीमित या विकरण करने हेतु, वायु की भूमिका, वायु का चलना एवं पूरे भारत में वर्षा लाने (मानसून) में इनकी भूमिका।
- वायुजल एवं मृदा प्रदूषण (संक्षिप्त परिचय) ओजोन परत में छेद एवं इसके संभावित खतरे। जैव-भू रासायनिक चक्रण, जलीय चक्र, ऑक्सीजन चक्र, कार्बन चक्र एवं नाइट्रोजन चक्र।
- अम्ल, भस्म और लवण सामान्य गुण, उदाहरण और उपयोग। रासायनिक प्रतिक्रियाओं के प्रकार- संयोगी प्रतिक्रिया, विघटन प्रतिक्रिया विस्थापन प्रतिक्रिया, द्विविस्थापन प्रतिक्रिया, अवक्षेपण प्रतिक्रिया, उदासीनीकरण हाइड्रोजन और ऑक्सीजन की प्राप्ति तथा हानि के संदर्भ में ऑक्सीकरण एवं अवकरण की व्याख्या।
- धातुकर्मीय प्रक्रिया/धात्विकी, सामान्य धातुओं के गुण रासायनिक बंधन/आबंद का सामान्य ज्ञान कार्बन के यौगिक और इसके संदर्भ में रासायनिक आबंद का सामान्य ज्ञान संतृप्त हाइड्रोकार्वन, एल्कोहल कार्बोक्सिलिक एसिड।
- तत्वों के वर्गीकरण की ऐतिहासिक पृश्भूमि तत्वों मेंडलीफ की आवर्त तालिका तत्वों के गुणों का परिवर्तन।
- हमारा पर्यावरण: पर्यावरण की समस्याएँ-हम क्या कर सकते है? जैव विघटित, जैव अविघटित ओजोन क्षरण।
- सजीव को परिभाशित करें। पौधों एवं जन्तुओं में पोशण, श्वसन, परिवहन एवं उत्सर्जन की मौलिक अवधारणा। जड़ नीचे की तरफ क्यों बढ़ते हैं, क्या हम उन्हें ऊपर की तरफ बढ़ा सकते हैं? तना ऊपर की तरफ्र क्यों बढ़ता है? पौधों में गति/ पौधों के हार्मोन एक परिचय/जन्तुओं में नियंत्रण तथा समन्वय ऐच्छिक अनैच्छिक तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ-तंत्रिका तन्त्र, रासायनिक समन्वय जन्तु हॉर्मोन।
- पौधे से जन्तुओं में प्रजनन, परिवार-नियोजन की विधियों का अध्ययन, सुरक्षित यौन संबंध/ HIV/AIDS। गर्भवती महिला एवं महिला का स्वास्थ्य।
- अनुवांशिकी एवं जैव विकास- अनुवांशिकी: जीवन की उत्पत्ति का संक्षिप्त परिचय जैव विकास के मौलिक सिद्वान्त।
- विधुत परिपथ- विभवान्तर, विभव आह्म का नियम प्रतिरोधों का श्रेणीक्रम प्रतिरोधों का समांतर क्रम संयोजन विधुतधारा के कारण विधुत शक्ति का अपव्यय (Power dissipated) PVI और R में अन्तः संबंध।
- चुम्बक- चुम्बकीय क्षेत्र, चुम्बकीय बल रेखाएँ धारावाहित तार के कारण चुम्बकीय क्षेत्र कुंडली में प्रवाहित धारा के कारण चुम्बकीय क्षेत्र। धारावाहित चालक पर बल, फ्लेमिंग का वाम हस्त नियम विद्युत मोटर विधुत चुम्बकीय अभिप्रेरण (Electromagentic Induction) अभिप्रेरित विभवान्तर, अभिप्रेरित धारा। विधुत जनित्र (Electric Generator) सिद्धांत और कार्य। दिश्ट धारा, प्रत्यावर्त्ती धारा, प्रत्यावर्त्ती धारा की आवृत्ति, प्रत्यावर्त्ती धारा का दिश्ट धारा पर लाभ। घरेलू विघुत परिपथ।
- अभिसरित और अपसरित प्रकाश (Convergence and divergence of light) अवतल दर्पण द्वारा प्रतिबिम्ब का बनना। समबद्ध अवधारणाएँ यथा वक्रता केन्द्र, प्रधान अक्ष प्रकाश केन्द्र, फोकस, फोकसदूरी। अपवर्त्तन, अपवर्त्तन के नियम उत्तल लेंस के द्वारा प्रतिबिबों का बनना मानव आँख में लेंस का कार्य, दृश्टि की समस्याएँ एवं उनका निवारण गोलीय दर्पणों और लेंसों का प्रयोग अपवर्त्तन की अवधारणा, प्रकाश का वेग, सापेक्ष अपवर्त्तनांक, तारे का टिमटिमाना प्रकाश का वर्ण- विक्षेपण प्रकाश का प्रकीर्णन।
- प्रकृतिक संसाधन, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण- प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण तथा यथोचित उपयोग, वन तथा वन्य प्राणी, कोयला तथा पेट्रोलियम का संरक्षण आम लोगों की सहभागिता, चिपको आंदोलन, विश्व परिदृश्य के संदर्भ में संरक्षण के कानूनी पहलू (लीगल प्रोस्पेकटिव)।
- ऊर्जा के स्त्रोत- मानव के व्यवहार के लिये ऊर्जा के विभिन्न रूप तथा विभिन्न स्रोत, जीवाश्म ईधन और सौर ऊर्जा, बायोगैस, जल तथा ज्वारीय ऊर्जा, नाभिकीय ऊर्जा। ऊर्जा के नवीकरणीय तथा अनवीकरणीय स्रोत।
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विषय़
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- भौगोलिक खोज- भौगोलिक खोजों का परिणाम
- अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम
- फ्रांस की क्रांति
- नाजीवाद एवं हिटलर
- प्रथम विश्वयुद्ध एवं द्वितीय विश्वयुद्ध
- आदिवासी समाज और उपनिवेशवाद- आदिवासी समाज में उपनिवेशवाद के विरूद्ध गोलबंदी बिरसा मुण्डा, चुआड़, तिलका माँझी, बसरा आदि।
- कृषि और खेतिहर समाज, वर्तमान समय में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में परिवर्तन, संदर्भ बिहार-केला, गन्ना, गेहूँ, लीची, संयुक्त राज्य अमेरिका-गेहूँ कपास।
- राष्ट्रसंघ, राष्ट्रसंघ का प्रयास, राष्ट्रसंघ की विफलता, संयुक्त राष्ट्र संघ,
- यूरोप में राष्ट्रवाद- 1830 ई० के बाद यूरोप में राष्ट्रवाद का विकास, मेजिनी आदि का विचार, पोलैण्ड, हंगरी, इटली, जर्मनी, ग्रीस आदि के आन्दोलनों की सामान्य विषेशताएँ।
- समाजवाद एवं साम्यवाद-1917 के वॉल्शेविक क्रांति।
- हिन्द-चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन- हिन्द चीन में फांसीसी उपनिवेशवाद, फाँसीसियों के विरूद्ध क्रमिक संघर्ष फान-दिन, फाँग-फाँग, बोइ चार, नागू एन कस क्यू, द्वितीय विश्वयुद्ध और मुक्ति संघर्ष, अमेरिका और द्वितीय विश्वयुद्ध।
- भारत में राष्ट्रवाद (1914-1930)- प्रथम विश्वयुद्ध के कारण और परिणाम का भारत से अर्तसंबंध, खिलाफत आंदोलन, असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन (पृष्ठभूमि, कारण, परिणाम), किसान, मजदूर और जन-जातियों का विद्रोह, विभिन्न राजनीतिक पार्टियों की गतिविधियाँ।
- अर्थव्यवस्था और आजीविका-औधोगिकीकरण (1850-1950). ब्रिटेन और भारत में औद्योगिकीकरण, औद्योगिक उत्पादन एवं कुटीर, उद्योगों के बीच संबंध, मजदूरों की आजीविका (ब्रिटेन और भारत), संगठित और असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले ब्रिटेन और भारत के मजदूरों का जीवन-स्तर
- शहरीकरण एवं शहरी जीवन
- व्यापार और भूमंडलीकरण-19वीं तथा प्रारंभिक 20 वीं शताब्दी में विश्वबाजार का विस्तार और एकीकरण, दो महायुद्धों के दरम्यान व्यापार और अर्थव्यवस्था, 1950 ई० के दशक के बाद परिवर्तन
- प्रेस, संस्कृति और राष्ट्रवाद-19वीं सदी के भारत में प्रेस का विकास, प्रिन्ट- संस्कृति, आम-बहस और राजनीतिक सम्बन्ध।
- स्थिति एवं विस्तार- विश्व मानचित्र पर भारत की स्थिति, भारत का भौगोलिक विस्तार।
- अपवाह स्वरूप-अपवाह तंत्र, नदियाँ, जलाशय, मानव सभ्यता की जीवन रेखा के रुप में नदियाँ, नदियों का संरक्षण एवं प्रदूषण के रोकथाम के उपाय, मानव जीवन पर प्रभाव।
- भारतीय जलवायु की प्रभावित करने वाले कारक।
- प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य-प्राणी-वनस्पतियों के प्रकार, महत्व, वितरण, वनों में निवास करने वाले जीव-जंतुओं की उपयोगिता, महत्व, वनस्पति एवं जीव जंतुओं का संरक्षण।
- जनसंख्या-जनसंख्या का आधार- घनत्व, वितरण, जनसंख्या परिवर्तन को निर्धारित एवं प्रभावित करने वाले कारक- वृद्धि, प्रवजन, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधायें, राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, जनसंख्या वृद्धि के दुष्प्रभाव।
- भारत के पड़ोसी देश-स्थिति एवं विस्तार, संक्षिप्त परिचयः नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्री लंका एवं पाकिस्तान, जलवायु की विशेषताएँ, उद्योग-धंधे एवं खनिज, उद्योग-धंधों का अर्थव्यवस्था का प्रभाव।
- मानचित्र अध्ययन-मापक-परिभाषा, उपयोगिता, मापक प्रदर्श की विधियाँ, सरल तथा तुलनात्मक मापक।
- क्षेत्रीय अध्ययन-भुमिगत जलस्तर में गिरावट: कारण एवं उपाय, भूमिः उपयोग के स्वरुप में परिवर्तन, प्रदूषण: प्रकार, कारण एवं बचाव।
- संसाधन-संसाधन का महत्व, प्रकार, संसाधन नियोजन, संसाधनों का महत्व, सतत विकास की अवधारण, प्राकृतिक संसाधन-भूमि संसाधन, मृदा निर्माण, मृदा के प्रकार एवं वितरण, भूमि उपयोग का बदलता स्वरुप, भूक्षरण और भूसंरक्षण।
- कृपि संसाधन, रोजगार, उत्पादन, खाद्य सुरक्षा, वैश्वीकरण एवं कृषि पर इसका प्रभाव, पशुपालन और मत्स्य पालन।
- जल-संसाधन-जल के स्रोत, वितरण, जल संसाधन का उपयोग, बहुद्देशीय परियोजनाएँ, जल संकट, जल-संरक्षण एवं प्रबन्धन की आवश्यकता, वर्षा जल-संग्रहण एवं उसका पुनर्चक्रण, सोन परियोजना का अध्ययन।
- खनिज संसाधन- खनिजों के प्रकार, वितरण, खनिजों का आर्थिक महत्व एवं खनिजों का संरक्षण।
- वन एवं वन्य प्राणी संसाधन-प्रकार, वितरण, वन सम्पदा तथा वन्य जीवों का ह्यस एवं संरक्षण, वन्यजीव एवं जैव विविधता की उपयोगिता।
- शक्ति संसाधन-शक्ति संसाधन के प्रकार, परम्परागत एवं गैर-परम्परागत शक्ति के साधन, वितरण, उचयोग तथा संरक्षण।
- निर्माण उद्योग-उद्योगों का वर्गीकरण, क्षेत्रीय वितरण, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में उद्योगों का योगदान, वैश्वीकरण का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, उद्योगों से उत्पन्न प्रदूषण का प्रभाव, प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय।
- परिवहन, संचार और व्यापार- परिवहन के प्रकार एवं महत्व। संचार के माध्यम एवं उनका महत्व। राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय व्यापार पर परिवहन एवं संचार के साधनों का प्रभाव। जन-जीवन पर प्रभाव।
- बिहार प्राकृतिक संसाधन एवं जनसंख्या- कृषि संसाधन, जल संसाधन, वन, वन्य-जीव एवं संरक्षण, खनिज संसाधन, शक्ति संसाधन। उद्योग एवं परिवहन। जनसंख्या आकार, घनत्व वितरण। नगरों का विकास।
- समकालीन विश्व में लोकतंत्र
- लोकतंत्र का व्यापक अर्थ।
- संविधान निर्माण-भारतीय संविधान की विशेषताएँ।
- लोकतंत्र में चुनावी राजनीति
- भारत में चुनावी प्रणाली: (क) निर्वाचन क्षेत्र (आरक्षित/अनारक्षित) (ख) मतदाता-सूची (ग) चुनाव-अभियान (घ) मतदान और मतगणना
- संसदीय लोकतंत्र की संस्थाएँ- संसदीय लोकतंत्र में निर्णय करने वाली संस्थाएँ (क) संसद (ख) राष्ट्रपति/प्रधानमंत्री एवं मंत्रीपरिपद् (ग) उच्चतम न्यायालय तीनों संस्थाओं के अर्तसंबंध।
- लोकतांत्रिक अधिकार- मौलिक अधिकार, अधिकारों का बढ़ता दायरा, मानवाधिकार, सूचना का अधिकार।
- सत्ता की साझेदारी- लिंग भेद एवं साम्प्रदायिक विभेदों
- सत्ता में साझेदारी की कार्य-प्रणाली लाकतंत्र में प्रतिस्पर्धा एवं संघर्ष- प्रतिस्पधा एवं संघर्ष के लिए जनरांघों की भूमिका राजनीतिक दल क्या हैं? भारत के प्रमुख राजनीतिक दल (राष्ट्रीय एतं क्षंत्रीग) राजनीतिक दलों में प्रतिस्पर्धा का लोकतंत्र कें सशक्तीकरण एवं राष्ट्रीय विकास में योगदान।
- लोकतंत्र की उपलब्धियाँ-(क) उत्तरदायी एवं वैध शासन। (ख) आर्थिक संवाद और विकास। (ग) सामाजिक विषगता और सामंजस्य। भारतीय लोकतंत्र कितना सफल है? भारत में लोकतंत्र की सफलता के कारक तत्व।
- लोकतंत्र की चुनौतिया
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विषय़
- तार्किक एंव विश्लेषणात्मक क्षमता
स्तर
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- Analogy,
- Classification,
- Series,
- Coding-Decoding,
- Blood Relations,
- Direction Sense Test,
- Logical Venn Diagrams,
- Alphabet Test,
- Sitting Arrangements,
- Mathematical Operations,
- Arithmetical Reasoning,
- inserting the Missing Character, Number,
- Ranking and Time,
- Sequence Test और
- Eligibility Test आदि।
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