M.Pharm Course: Master of Pharmacy यह फार्मेसी के क्षेत्र में एक उच्च स्तरीय पोस्ट-ग्रेजुएट डिग्री कोर्स है, जिसे 2 साल में किया जाता है। यह कोर्स खास तौर पर उन स्टूडेंट्स के लिए है जिन्होंने B.Pharm पूरा कर लिया है और अब फार्मास्युटिकल साइंस के किसी विशेष क्षेत्र में गहराई से ज्ञान हासिल करना चाहते हैं।
जाने इस पोस्ट में क्या क्या है
इस कोर्स में छात्रों को दवाओं के एडवांस्ड निर्माण, रिसर्च, ड्रग डेवलपमेंट, गुणवत्ता नियंत्रण (quality control), क्लिनिकल फार्मेसी और दवा उद्योग से जुड़े नियम-कानून (regulatory affairs) जैसी गहन जानकारियाँ दी जाती हैं। M.Pharm करने के बाद आप रिसर्च लैब में साइंटिस्ट, फार्मा कंपनी में क्वालिटी कंट्रोल एनालिस्ट, या किसी कॉलेज/यूनिवर्सिटी में लेक्चरर/प्रोफेसर के तौर पर काम कर सकते हैं। साथ ही, आप फार्मा इंडस्ट्री, हॉस्पिटल्स या सरकारी हेल्थ डिपार्टमेंट्स में भी शानदार करियर बना सकते हैं।

अगर आप B.Pharm के बाद अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाना चाहते हैं और फार्मेसी के क्षेत्र में एक्सपर्ट बनना चाहते हैं, तो M.Pharm आपके लिए एक सही कदम हो सकता है। इस लेख में आगे हम आपको M.Pharm कोर्स से जुड़ी जरूरी जानकारी देंगे जैसे योग्यता, एडमिशन प्रोसेस, फीस, सिलेबस, सैलरी और करियर ऑप्शंस आदि।
M.Pharm Course – Overview
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Parameter |
Course Details |
|---|---|
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Course Name |
M.Pharm (Master of Pharmacy) |
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Course Level |
Postgraduate |
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Course Duration |
2 Years (4 Semesters) |
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Minimum Eligibility |
B.Pharm with minimum 50%-55% marks (varies by institute; relaxed for reserved categories) |
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Minimum Marks Required |
At least 50%-55% in B.Pharm (varies by institute) |
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Admission Process |
Entrance Exam-Based (GPAT, NIPER JEE, AP PGECET, TS PGECET, etc.) or Merit-Based |
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Entrance Exams |
GPAT, NIPER JEE, CUET PG, state-level PG entrance tests |
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Age Limit |
No specific age limit (some institutes may have maximum age criteria) |
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Main Subjects |
Pharmaceutics, Pharmacology, Pharmaceutical Chemistry, Pharmacognosy, Regulatory Affairs |
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Average Course Fees |
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Average Starting Salary |
₹3 LPA – ₹10 LPA |
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M.Pharm कोर्स कैसे करें?
M.Pharm कोर्स में Admission लेने के लिए छात्रों के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से B.Pharm की डिग्री होनी चाहिए, जिसमें कम से कम 50%-55% अंक हों। कुछ कॉलेज में B.Pharm के नंबरों के आधार पर ही एडमिशन देते हैं। पर कुछ कॉलेजों में एडमिशन के लिए राज्य-स्तरीय या संस्थान-स्तरीय प्रवेश परीक्षाएं जैसे GPAT (Graduate Pharmacy Aptitude Test), NIPER JEE या CUET PG आदि देनी पड़ती हैं।
अगर एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा हो रही है तो उसकी तैयारी अच्छे से करें। इन परीक्षाओं में फार्मास्युटिकल साइंस, फार्माकोलॉजी, फार्मास्युटिक्स और रसायन विज्ञान जैसे विषयों से ही प्रश्न पूछे जाते हैं। इन परीक्षाओं में अच्छे अंक लाने के लिए पिछले एग्जाम के प्रश्नपत्रों का अभ्यास करें। कुछ निजी कॉलेजों में मैनेजमेंट कोटा या कम अंकों पर भी प्रवेश मिल सकता है। M.Pharm कोर्स करने के बाद आप रिसर्च लैब, दवा कंपनियों, अस्पतालों या टीचिंग फील्ड में एक बेहतर करियर बना सकते हैं।

Eligibility Criteria
M.Pharm एक 2 साल का पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स है, जिसमें 4 सेमेस्टर होते हैं। इस कोर्स में 1.5 साल की अकादमिक पढ़ाई और लास्ट सेमेस्टर में रिसर्च प्रोजेक्ट या थीसिस भी शामिल होती है। M.Pharm में एडमिशन के लिए निम्नलिखित पात्रता मापदंड जरूरी हैं:
- शैक्षिक योग्यता: छात्रों के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से B.Pharm डिग्री कम से कम 50%-55% अंक के साथ होनी चाहिए। आरक्षित वर्ग के लिए सस्थानों के अनुसार अंकों में ओर ज्यादा छूट हो सकती है।
- चिकित्सीय फिटनेस: एडमिशन के लिए छात्र को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए। कुछ कॉलेजों में मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट भी माँगा जा सकता है।
- अनुभव (वैकल्पिक): कुछ कॉलेजों में स्पॉन्सर्ड कैंडिडेट्स के लिए 2 साल का कार्य अनुभव भी माँगा जा सकता है।
Admission Process
M.Pharm में दाखिला लेने की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में पूरी होती है:
- रजिस्ट्रेशन: अपने कॉलेज या विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जा कर चेक करें की एडमिशन प्रवेश परीक्षा से हो रही है या B.Pharma के नंबरों के आधार पर, फिर उस हिसाब से अपनी रजिस्ट्रेशन करें। और प्रवेश परीक्षा (जैसे GPAT, NIPER JEE) का फॉर्म भरें।
- प्रवेश परीक्षा: GPAT, NIPER JEE, CUET PG, अन्य राज्य-स्तरीय परीक्षाओं (जैसे AP PGECET, TS PGECET), या संस्थान-स्तरीय एग्जाम देने होंगे और इनमे अच्छे अंक लेन होंगे।
- काउंसलिंग में भाग लें: प्रवेश परीक्षा या B.Pharm के स्कोर के आधार पर काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेना होगा। काउंसलिंग के दौरान आपके स्कोर के आधार पर ही कॉलेज और स्पेशलाइजेशन अलॉट होंगे।
- दस्तावेज सत्यापन: कॉलेज में दाखिला लेने से पहले B.Pharm की मार्कशीट, प्रवेश परीक्षा स्कोरकार्ड, आयु प्रमाण पत्र और अन्य जरूरी डॉक्यूमेंट चेक किये जायँगे।
- फीस जमा करें: कॉलेज की जो भी फीस होगी जो कॉलेज द्वारा निर्धारित की जाती है, उससे जमा करके अपना प्रवेश पक्का करें।
M.Pharm Course Fees Structure: Government vs Private Colleges
M.Pharm की फीस हर एक कॉलेज और स्थान के हिसाब से अलग-अलग होती है। सरकारी कॉलेजों में फीस कम होती है, जबकि निजी कॉलेजों में यह काफी ज्यादा हो सकती है।
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Type of College |
Annual Fee |
|---|---|
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Government College/University |
₹10,000 – ₹1,00,000 per year |
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Private College/University |
₹60,000 – ₹9,30,000 per year |
कुछ कॉलेजों में स्कॉलरशिप या GPAT-क्वालिफाइड छात्रों के लिए स्टाइपेंड की सुविधा भी उपलब्ध होती है।

M.Pharm Syllabus Overview
M.Pharm का सिलेबस चार सेमेस्टर में बंटा हुआ है, जिसमें कोर और इलेक्टिव सब्जेक्ट्स शामिल हैं। यह सिलेबस विशेषज्ञता (जैसे फार्मास्युटिक्स, फार्माकोलॉजी, या फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री) के आधार पर अलग-अलग हो सकता है।
First Year:
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Modern Pharmaceutics
-
Pharmaceutical Analysis
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Regulatory Affairs
-
Pharmacokinetics and Biopharmaceutics
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Drug Delivery Systems
Second Year:
-
Advanced Pharmacology (for Pharmacology specialization)
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Pharmaceutical Quality Assurance
-
Clinical Research Methodologies
-
Research Methodology and Biostatistics
-
Thesis/Research Project
प्रैक्टिकल/रिसर्च: कोर्स के दौरान 6 महीने का रिसर्च प्रोजेक्ट या थीसिस करनी होती है, जिसमें छात्र किसी विशेष फार्मास्युटिकल टॉपिक पर रिसर्च करते हैं। यह प्रोजेक्ट फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करता है।
M.Pharm कोर्स के बाद कितनी सैलरी मिलती है?
M.Pharm कोर्स करने के बाद सैलरी अनुभव, क्षेत्र, लोकेशन और जॉब प्रोफाइल के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। फ्रेशर्स को प्राइवेट सेक्टर में शुरुआती सैलरी लगभग ₹3 LPA से ₹6 LPA तक मिल सकती है। अनुभव के साथ यह ₹10 LPA या उससे अधिक भी हो सकती है।
प्राइवेट सेक्टर: फार्मास्युटिकल कंपनियों (जैसे Sun Pharma, Cipla), रिसर्च लैब्स, या क्लिनिकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन्स में रिसर्च एसोसिएट, क्वालिटी कंट्रोल एनालिस्ट, या रेगुलेटरी अफेयर्स मैनेजर जैसे रोल में सैलरी ₹3 LPA से शुरू होकर ₹12 LPA तक जा सकती है।
सरकारी सेक्टर: सरकारी अस्पतालों, ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट, या रिसर्च इंस्टीट्यूट्स में फार्मासिस्ट या रिसर्च ऑफिसर के तौर पर सैलरी ₹30,000 से ₹50,000 प्रति माह हो सकती है।
अकादमिक क्षेत्र: कॉलेजों या विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर सैलरी ₹4 LPA से ₹8 LPA तक हो सकती है।
Higher Studies After M.Pharm
M.Pharm पूरा करने के बाद अगर आपको आगे पढ़ना है या फिर प्रैक्टिकल अनुभव और ज्ञान को बेहतर बनाना चाहते हैं तो आप निम्नलिखित कोर्स कर सकते हैं:
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Ph.D. in Pharmacy: फार्मास्युटिकल साइंस में रिसर्च के लिए डॉक्टरेट प्रोग्राम।
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MBA in Pharmaceutical Management: मार्केटिंग और मैनेजमेंट में करियर के लिए।
-
Postgraduate Diploma: क्लिनिकल रिसर्च, रेगुलेटरी अफेयर्स, या मेडिकल राइटिंग में डिप्लोमा।
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International Certifications: विदेशी विश्वविद्यालयों से सर्टिफिकेशन कोर्सेज।
Top 7 M.Pharm Colleges in India

निष्कर्ष
M.Pharm एक मास्टर डिग्री कोर्स है, जो फार्मेसी के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने और एक बेहतर करियर बनाने का अवसर है। इस लेख में हमने आपको Master of Pharmacy (M.Pharm)के बारे में विस्तार से बताया है, जिसमें कोर्स की योग्यता, प्रवेश प्रक्रिया, फीस, सिलेबस, सैलरी और करियर विकल्प आदि सब शामिल हैं। साथ ही देश के टॉप कॉलेज और M.Pharm कोर्स के बाद आप कौन से कोर्स कर सकते हैं, उनकी पूरी जानकारी भी दी है।
आखिर हमें उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी रहा होगा। आपको कोर्स के बारे में पूरी जानकारी अच्छे से मिल गई होगी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई, तो इसे अपने दोस्तों और B.Pharma पास छात्रों से जरूर शेयर करें और कुछ परेशानी हो तो कमेंट करके पूछ लें।
FAQ – M.Pharm Course
क्या M.Pharm के लिए GPAT अनिवार्य है?
नहीं, GPAT अनिवार्य नहीं है। कुछ कॉलेज B.Pharm के अंकों या अन्य प्रवेश परीक्षाओं (जैसे NIPER JEE, CUET PG) के आधार पर दाखिला देते हैं। हालांकि, GPAT स्कोर टॉप कॉलेजों में प्रवेश के लिए फायदेमंद होता है।
M.Pharm के बाद कौन सी सरकारी नौकरी मिल सकती है?
M.Pharm स्नातक सरकारी अस्पतालों, ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट, या रिसर्च इंस्टीट्यूट्स में फार्मासिस्ट, रिसर्च ऑफिसर, या रेगुलेटरी अफेयर्स ऑफिसर के तौर पर नौकरी पा सकते हैं।
क्या M.Pharm के बाद विदेश में करियर बनाया जा सकता है?
हां, M.Pharm के बाद आप फार्मास्युटिकल रिसर्च, क्लिनिकल ट्रायल्स, या रेगुलेटरी अफेयर्स में विदेशी कंपनियों में काम कर सकते हैं। इसके लिए अतिरिक्त सर्टिफिकेशन या अनुभव की जरूरत हो सकती है।
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