M.A in Economics Course: Master of Arts in Economics यह एक पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है, जो 2 साल का होता है। इस कोर्स आप B.A. या B.Sc. Economics अंडर ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद कर सकते हैं। इस कोर्स में छात्रों को देश की अर्थव्यवस्था (economy) के बारे में गहराई से पढ़ाया जाता है। यह कोर्स उन बच्चों के लिए है जो अर्थशास्त्र (economics), पैसों का हिसाब-किताब (financial analysis), नियम बनाने (policy making) और जानकारी को समझने (data analysis) के क्षेत्र में विशेषज्ञ बनना चाहते हैं।
जाने इस पोस्ट में क्या क्या है
M.A in Economics एक ऐसा कोर्स है जिसमे आप देश या किसी भी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं में गहन अध्ययन करके पत्ता लगा सकते हैं कि बाजार कैसे काम कर रहा है, किस चीज़ से अर्थव्यवस्था पर फर्क पड़ेगा और सरकार कैसे नियम (policies) बनाती है। साथ ही देश की अर्थव्यवस्था में क्या-क्या बदलाव आ रहे हैं, इसके data को कैसे analysis और समझा जाए, और आर्थिक मुश्किलों को कैसे हल किया जाए।

इस लेख में हम आपको जो M.A in Economics से जुड़ी हर जरूरी जानकारी देंगे, जैसे eligibility, admission process, fees, syllabus, top colleges, career scope और future opportunities आदि। अगर आप इस course को करने का सोच रहे हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
M.A in Economics Course – Overview
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Parameter |
Details |
|---|---|
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Course Name |
M.A. in Economics (Master of Arts in Economics) |
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Course Level |
Postgraduate (Masters) |
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Course Duration |
2 Years (4 Semesters) |
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Minimum Eligibility |
Bachelor’s degree in Economics or related field with a minimum of 50% marks from a recognized university |
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Minimum Marks Required |
At least 50% marks (varies by university) |
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Admission Process |
Mostly Merit-Based / Entrance Exam-Based like CUET PG |
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Age Limit |
No upper age limit |
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Main Subjects |
Microeconomics, Macroeconomics, Econometrics, International Economics, Development Economics, Mathematical Economics |
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Average Course Fees |
Government Colleges: ₹500 – ₹6,000 per year |
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Average Starting Salary |
₹4.5 LPA |
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Top Job Profiles |
Economist, Financial Analyst, Policy Analyst, Data Analyst, Research Officer, Lecturer |
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Top Recruiters |
Government Departments, Banks, Research Institutes, Consulting Firms, International Organizations |
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M.A in Economics क्यों चुनें?
M.A in Economics एक अच्छा और मांग वाला कोर्स है। इस कोर्स को करने के बाद आपको अर्थव्यवस्था की गहरी समझ मिलती है और प्राइवेट ही नहीं बल्कि अच्छी सरकारी नौकरी के अवसर भी खुल जाते हैं। इस कोर्स को करने के ओर भी बहुत से फायदे हैं:
- आर्थिक फैसलों की समझ: इस कोर्स से आपको बाजार में कीमतें कैसे तय होती हैं, बेरोजगारी क्यों बढ़ रही है और देश का विकास कैसे हो रहा है, क्या कमी है आदि। जिससे हम बेहतर फैसले ले सकते हैं।
- नौकरी के अच्छे मौके: इस कोर्स के बाद नौकरी के बहुत सारे रास्ते खुल जाते हैं, खासकर सरकारी नौकरी। आप टीचिंग, बैंकिंग, रिसर्च या नीति बिषेषज्ञ बन सकते हैं। साथ ही आप डेटा एनालिस्ट या लेक्चरर भी बन सकते हैं।
- कौशल विकास: इस पढ़ाई से आपकी विश्लेषण करने की, mathematical सोच और रिसर्च करने की क्षमता मजबूत होती है। इससे आप एक अच्छे सलाहकार या कंसल्टेंट बन सकते हैं।

Eligibility Criteria for M.A in Economics Course Admission
M.A in Economics में Admission लेने के लिए आपके पास निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिए:
- शैक्षिक योग्यता: आपके पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से B.A. in Economics, B.Sc Economics या संबंधित विषय में डिग्री होनी चाहिए।
- न्यूनतम अंक: इस कोर्स की एडमिशन के लिए अधिकांश संस्थानों/कॉलेजों में ग्रेजुएशन में आपके कम से कम 50%-60% नंबर होने चाहिए। यह अलग-अलग कॉलेज या प्रवेश परीक्षाओं के हिसाब से बदला जा सकता है।
- प्रवेश परीक्षा: इस कोर्स में एडमिशन के लिए आपको CUET PG या कॉलेज-स्तर की परीक्षा में क्वालिफाई करना पड़ता है।
- मेरिट-बेस्ड प्रवेश: कुछ प्राइवेट कॉलेज मेरिट-बेस्ड भी एडमिशन देते हैं, इन कॉलेजों में B.A/B.Sc के अंकों के आधार पर सीधे एडमिशन मिल सकती है।
Admission Process
M.A in Economics कोर्स में एडमिशन के लिए प्रोसेस इंस्टिट्यूट या कॉलेजों के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। अक्सर colleges merit-based या entrance exam-based एडमिशन देते हैं। नीचे admission का सारा प्रोसेस step-by-step दिया गया है:
- Application Form भरें: अपने कॉलेज से पता करें कि एडमिशन मेरिट के आधार पर हो रही है या प्रवेश परीक्षा के आधार पर। फिर उसी हिसाब से आवेदन पत्र भरें।
- Entrance Exam: अगर एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा जरुरी है, तो CUET PG या कॉलेज-स्तरीय परीक्षाओं में शामिल हों।
- Merit List या Cut-off: Entrance exam या आपकी डिग्री के नंबरों के आधार पर cut-off list या merit list कॉलेज द्वारा जारी की जाएगी।
- Document Verification: मेरिट लिस्ट में अगर आपका नाम है तो आपकी कॉन्सलिंग होगी जिसमें आपके दस्तावेज़ (डिग्री की मार्कशीट, caste certificate, ID proof, आदि) चेक किए जायेंगे।
- Fee Submission: उसके बाद कॉलेज में फीस जमा करनी होगी। कुछ विश्वविद्यालयों में SC/ST/OBC वर्ग के लिए फीस में छूट भी दी जाती है।
Course Fees Structure
M.A in Economics कोर्स की फीस इस बात पर निर्भर करती है कि कॉलेज सरकारी है या प्राइवेट। सरकारी कॉलेजों की फीस कम होती है।
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कॉलेज का प्रकार |
वार्षिक फीस |
|---|---|
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Government College/University |
₹500 – ₹6,000 per year |
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Private College/University |
₹20,000 – ₹1,50,000 per year |
Course Duration and Structure
M.A in Economics का कोर्स 2 साल का होता है। जिसमें 4 सेमेस्टर शामिल हैं। हर 6 महीने के बाद सेमेस्टर खत्म होता है और परीक्षाएं होती हैं। यानी हर 6 महीने में आपका एक सेमेस्टर पूरा होता है। प्रत्येक सेमेस्टर में 5-6 विषय पढ़ाए जाते हैं, जिनमें अर्थशास्त्र से जुड़े अलग-अलग टॉपिक पढ़ाए जाते हैं।

M.A in Economics Subjects and Syllabus Details
नीचे टेबल में बताया गया है कि आपको हर सेमेस्टर में कौन-कौन से विषय पढ़ने पड़ सकते हैं। यह सिलेबस अलग-अलग कॉलेजों में थोड़ा-बहुत बदल सकता है।
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Semester |
Subjects taught |
|---|---|
|
Semester 1 |
Microeconomics, Macroeconomics, Mathematical Economics, Statistics for Economics |
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Semester 2 |
Advanced Microeconomics, Advanced Macroeconomics, Econometrics, International Economics |
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Semester 3 |
Development Economics, Public Economics, Research Methodology, Elective (like Environmental Economics) |
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Semester 4 |
Indian Economy, Financial Economics, Dissertation/Project, Elective (like Game Theory) |
Career Options After M.A in Economics – Salary and Hiring
M.A in Economics करने के बाद आप प्राइवेट, सरकारी और अंतरराष्ट्रीय संगठनों जगहों पर नौकरी कर सकते हैं। आप बैंक, रिसर्च फर्म या यूनिवर्सिटी में जॉब पा सकते हैं।
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नौकरी की भूमिका |
औसत वेतन (प्रति वर्ष) |
विवरण |
|---|---|---|
|
Economist |
₹5 LPA – ₹8 LPA |
ये आर्थिक ट्रेंड्स पर रिसर्च करते हैं और रिपोर्ट बनाते हैं। |
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Financial Analyst |
₹4 LPA – ₹7 LPA |
ये कंपनियों के फाइनेंशियल डेटा का विश्लेषण करते हैं और निवेश सलाह देते हैं। |
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Policy Analyst |
₹4.5 LPA – ₹6.5 LPA |
ये सरकारी नीतियों का मूल्यांकन करते हैं और सुधार सुझाते हैं। |
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Data Analyst |
₹4 LPA – ₹6 LPA |
ये बड़े डेटा सेट से पैटर्न निकालते हैं और बिजनेस डिसीजन में मदद करते हैं। |
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Lecturer |
₹3.5 LPA – ₹5.5 LPA |
ये कॉलेजों में छात्रों को अर्थशास्त्र पढ़ाते हैं। |
Top 5 Colleges for M.A in Economics in India

M.A in Economics Course – FAQs
दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में M.A Economics में एडमिशन कैसे होता है?
दिल्ली यूनिवर्सिटी में M.A Economics में एडमिशन CUET-PG एंट्रेंस टेस्ट के जरिए होता है। आपके स्कोर के आधार पर मेरिट लिस्ट बनाई जाती है और उसी से दाखिला मिलता है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में M.A Economics की कितनी सीटें होती हैं?
दिल्ली यूनिवर्सिटी में M.A Economics के लिए लगभग 200–300 सीटें होती हैं। ये सीटें अलग-अलग कॉलेजों में बाँटी जाती हैं। सही और ताज़ा जानकारी के लिए हमेशा DU की आधिकारिक वेबसाइट देखें।
अशोका यूनिवर्सिटी में M.A Economics के लिए कैसे अप्लाई करें?
अशोका यूनिवर्सिटी में M.A Economics के लिए आपको ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म भरना होता है। इसके बाद एलिजिबिलिटी चेक किया जाता है और फिर इंटरव्यू या रिटेन टेस्ट लिया जा सकता है। यहाँ अच्छे CGPA और शैक्षणिक रिकॉर्ड की जरूरत होती है।
M.A Economics करने के बाद करियर स्कोप कैसा रहता है?
इस कोर्स के बाद आपके पास कई करियर विकल्प होते हैं। आप Economist, Financial Analyst, Policy Analyst, Researcher, Data Analyst या Lecturer बन सकते हैं। साथ ही, सरकारी विभागों, बैंकों, रिसर्च इंस्टिट्यूट्स और अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भी अच्छे मौके मिलते हैं।
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