How The Pin Code Of The Post Office Was Created: क्या आपको पता है कि, पिन कोड क्यूं बनाया गया था और पिन कोड को कब और किसने बनाया था तो हमारा यह आर्टिकल केवल और केवल आपके लिए है जिसमे हम, आपको विस्तार से How The Pin Code Of The Post Office Was Created के बारे मे बताने का प्रयास करेगें ताकि आप पूरी – पूरी जानकारी प्राप्त कर सके और इसके लिए आपको अन्त तक हमा्रे साथ बने रहना होगा।
इस आर्टिकल मे हम, आपको ना केवल पिन कोड के बारे मे बतायेगें बल्कि हम, आपको विस्तार से पिन कोड के महत्व, उत्पत्ति और अन्य महत्वपूर्ण जानकारीयों के बारे मे बताने का प्रयास करेगें जिसकी पूरी विस्तृत जानकारी प्राप्त करने हेतु आपको हमारे साथ बने रहना होगा ताकि आप बिना किसी समस्या के पूरी जानकारी प्राप्त कर सके तथा
आर्टिकल के अन्तिम चरण मे हम, आपको क्विक लिंक्स प्रदान करेगें ताकि आप इसी प्रकार के आर्टिकल्स को प्राप्त करके इनका लाभ प्राप्त कर सकें।
How The Pin Code Of The Post Office Was Created – Overview
Name of the Article | How The Pin Code Of The Post Office Was Created? |
Type of Article | Latest Update |
Article Useful For | All of Us |
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कब और कैसे बना पोस्ट ऑफिश का पिन कोड, जाने क्या है इसका इतिहास और पिन कोड के अंक क्या दर्शाते है – How The Pin Code Of The Post Office Was Created?
इस आर्टिकल मे हम, आप सभी स्टूडेंट्स सहित युवाओं का हार्दिक स्वागत करना चाहते है और आपको अपने इस आर्टिकल की मदद से पोस्ट ऑफिश के पिन कोड को लेकर तैयार रिपोर्ट के बारे मे बताना चाहते है जिसके मुख्य बिंदु कुछ इस प्रकार से हैं –
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How The Pin Code Of The Post Office Was Created – संक्षिप्त परिचय
- यहां पर हम, आप सभी पाठको सहित नागरिको को बताना चाहते है कि, पोस्ट ऑफिश के पिन कोड का अपना विशेष महत्व होता है और पिन कोर्ड के पहले व दूसरे अंक, भारत के अलग – अलग राज्यों को दर्शाते है जिसकी पूरी व सम्पूर्ण जानकारी आपको प्रदान करने हेतु हम, आपको इस आर्टिकल की मदद से विस्तार से How The Pin Code Of The Post Office Was Created को लेकर तैयार रिपोर्ट के बारे मे बतायेगें ताकि आप पूरी – पूरी रिपोर्ट का लाभ प्राप्त कर सके।
पिन कोड का फुल फॉर्म क्या होता है?
- हम, अपने सभीी स्टूडेंट्स को बताना चाहतैे है कि, पिन कोर्ड का फुल फॉर्म – पोस्टल इंडेक्स नंबर / Postal Index Number होता है जो कि, भारत के अलग – अलग राज्यों को दर्शाता है ताकि भारत जैसे विशाल देश मे सही पते व स्थान की पहचान की जा सकें और इसीलिए पिन कोड का निर्माण किया गया था और इसीलिए किसी भी पते के अन्त मे पिन कोड को दर्ज किया जाता है ताकि बिना किसी समस्या के सही पते की पहचान की जा सकें।
किसने और कब की थी पिन कोड की शुरुआत?
- यहां पर हम, आप सभी पाठको सहित नागरिको को बताना चाहते है कि, भारत मे स्वतंत्रता से पूर्व पिन कोड का चलन नहीं था और ना ही 1947 मे मिली आजादी के बाद ही कुछ दशको तक पिन कोड का निर्माण किया गया था,
- 15 अगस्त, 1972 मे जाकर श्रीराम भीकाजी ( संचार मंत्रालय, तत्काल अतिरिक्त सचिव ) द्धारा पिन कोड का निर्माण किया गय था ताकि पोस्ट ऑफिश मे आने वाली चिट्टियों और पत्रों को जल्द से जल्द शॉर्ट करने और सही पते पर पहुंचाया जा सके।
पिन कोड के अनुसार भारत को कितने भागो मे बांटा गया है और पिन कोड का प्रत्येक अंक क्या दर्शाता है?
- इस लेख की मदद से हम, आपको बताना चाहते है कि, भारतीय डाक सेवा द्धारा पिन कोड को लेकर पूरे भारत को 9 भागों मे विभाजित किया गया है जिसमे से 8 पूर्ण रुप से भौगोेलिक क्षेत्र है और नौवां क्षेत्र खासतौर पर भारतीय सेना के लिए आरक्षित किया गया है,
- यहां पर हम, आपको बताना चाहते है कि, भारतीय पिनकोड का प्रत्येक अंक क्या दर्शाता है जो कि, इस प्रकार से है –
पिनकोड के अंक क्या दर्शाते है पहला अंक क्षेत्र दूसरा अंक एक उपक्षेत्र तीसरा अंक उस क्षेत्र के भीतर का सॉर्टिंग जिला अन्तिम तीन अंक उस जिले के विशिष्ट डाकघर
देश के पोस्ट ऑफिश को कितने पिन कोड्स और जोन्स मे बांटा गया है?
- आंकडो़ के मुताबिक हम, आपको बताना चाहते है कि, भारतीय डाकघरो को 19,101 पिन कोड्स मे बांटा गया है,
- सभी भारतीय डाकघरों को 5 पोस्ट ऑफिश जोन्स मे बांटा गया है जैसे कि – नॉर्दन, वेस्टर्न, साउथर्न, ईस्टर्न औऱ आर्मी पोस्टल जोन आदि।
किस जोन का कोन का कोड है?
जोन | कोड |
नॉर्दन जोन | 1 व 2 |
वेस्टर्न जोन | 3 व 4 |
साउथर्न जोन | 5 व 6 |
ईस्टर्न जोन | 7 व 8 |
पिन कोड का पहला अंक किन राज्यों को दर्शाता है?
क्रमवार पिन कोड का पहला अंंक | राज्यों के नाम |
1 | चंडीगढ़, लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली |
2 | उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश |
3 | दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, गुजरात, राजस्थान |
4 | छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र |
5 | कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना |
6 | लक्षद्वीप, पुडुचेरी, केरल, तमिलनाडु |
7 | सिक्किम, असम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल |
8 | बिहार और झारखंड |
9 | फील्ड पोस्ट ऑफिस (एफपीओ), आर्मी पोस्ट ऑफिस (एपीओ) |
पिन कोड के पहले 2 अंक किन राज्यों को दर्शाते है?
क्रमवार पिन कोड का पहला 2 अंक | राज्यों के नाम |
11 | दिल्ली |
12 और 13 | हरियाणा |
14 और 16 प | पंजाब |
17 | हिमाचल प्रदेश |
18 और 19 | जम्मू व कश्मीर |
20 और 28 | उत्तरांचल और उत्तर प्रदेश |
30 और 34 | राजस्थान |
36 और 39 | गुजरात |
40 और 44 | महाराष्ट्र |
45 और 49 | छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश |
50 और 53 | तेलंगाना और आंध्र प्रदेश |
56 और 59 | कर्नाटक |
60 और 64 | तमिलनाडु |
67 और 69 | केरल |
70 और 74 | पश्चिम बंगाल |
75 और 77 | ओड़िशा |
78 | असम |
79 | पू्र्वोत्तर के राज्य |
80 और 85 | झारखंड और बिहार |
90 और 99 | सेना डाक सेवा |
उपरोक्त सभी बिंदुओं की मदद से पूरी रिपोर्ट के बारे मे बताया ताकि आप पूरी- पूरी रिपोर्ट का लाभ प्राप्त कर सके।
सारांश
इस आर्टिकल मे हमने आपको वििस्तार से ना केवल How The Pin Code Of The Post Office Was Created के बारे मे बताया ताकि आप आसानी से पिन कोड के बारे मे औऱ उसके महत्व के बारे मे जान सके तथा
आर्टिकल के अन्तिम चरण मे, आपसे उम्मीद करते है कि, आपको हमारा यह आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा जिसके लिए आप हमारे इस आर्टिकल को लाईक, शेयर व कमेंट करेगें।
क्विक लिंक्स
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FAQ’s – How The Pin Code Of The Post Office Was Created
How is pincode formed?
The first digit of a PIN indicates the zone, the second indicates the sub-zone, and the third, combined with the first two, indicates the sorting district within that zone. The final three digits are assigned to individual post offices within the sorting district.
How are zip codes determined in India?
Structure of Pin Code/Postal Code The first digit represents the region in India. The second digit is the sub-region, while the third digit is the sorting district. The last three digits represent the particular post office within the district.