दूध गंगा योजना 2023 (Doodh Ganga Yojana 2023): तो दोस्तों आप लोग के लिए एक बहुत ही अच्छी खुशखबरी है जो कि इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताएंगे Doodh Ganga Yojana 2023 के बारे में। तो दोस्तों आपलोग तैयार हो जाइये अपनी लाइफ की नयी शुरआत के लिए क्यूंकि आपके लिए यह आर्टिकल बहुत महत्वपूर्ण रहने वाला हैं। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद Doodh Ganga Yojana 2023 से जुड़े आपके हर एक डाउट क्लियर हो जाएंगे तो इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढियेगा ताकि आप इस योजना का सही ढंग से लाभ ले पाए।
देश में दूध उत्पादन के व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर कई तरह की योजनाएं चला रही हैं। ताकि देश में दुग्ध व्यवसाय को बढ़ाया जा सके और लोगों के बीच रोजगार स्थापित हो सके। ऐसी ही एक पहल हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा की गई है जिसका नाम है दूध गंगा योजना। यह योजना वर्ष 2010 में शुरू की गई थी, लेकिन राज्य में इस योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए राज्य सरकार ने वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया है।
Dhoodh Ganga Yojana 2023 के माध्यम से दुग्ध व्यवसाय क्षेत्र से जुड़े पशुपालकों और दुग्ध उद्यमियों को ऋण के रूप में 30 लाख रुपये दिए जाएंगे। आज, इस लेख के माध्यम से आपको हिमाचल प्रदेश डेयरी फार्मिंग व्यवसाय ऋण के लिए आवेदन करने से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। अतः आपसे निवेदन है कि इस लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें।
Doodh Ganga Yojana 2023
हिमाचल प्रदेश सरकार Doodh Ganga Yojana 2023 के तहत राज्य में दुग्ध उत्पादन क्षेत्र से जुड़े किसानों/पशुपालकों/दुग्ध उद्यमियों को 30 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। यह राशि सरकार द्वारा दुग्ध क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों को निःशुल्क ऋण के रूप में दी जायेगी। यह योजना वर्ष 2010 में केंद्र सरकार के पशुपालन विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) के माध्यम से डेयरी वेंचर कैपिटल स्कीम के रूप में शुरू की गई थी।
पहले दूध गंगा योजना को दूध गंगा योजना (डेयरी वेंचर कैपिटल फंड) के रूप में जाना जाता था। लेकिन अब इसका नया नाम दूध गंगा योजना (उद्यमी विकास योजना) है। इस योजना के तहत राज्य सरकार ने प्रदेश में प्रति वर्ष 350 लाख लीटर दूध उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
Highlights of Dhoodh Ganga Yojana 2023
योजना | दूध गंगा योजना 2023 |
शुरू करने का श्रेय | केंद्र सरकार |
विभाग | पशुपालन विभाग, भारत सरकार |
योजना शुरू करने की तिथि | वर्ष 2010 |
लाभार्थी | दुग्ध उत्पादन क्षेत्र से जुड़े लोग |
उद्देश्य | आर्थिक सहायता के रूम में ऋण दिया जाएगा |
आर्थिक सहायता के रूप में दी जाने वाली धनराशि | लगभग 30 लाख रुपए |
दूध गंगा योजना को लागू करने वाला राज्य | हिमाचल प्रदेश |
ऑफिशियल वेबसाइट | http://hpagrisnet.gov.in/ |
वर्ष | 2023 |
दूध गंगा योजना 2023 का उद्देश्य
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई दूध गंगा योजना का मुख्य उद्देश्य डेयरी फार्मिंग से जुड़े सूक्ष्म उद्यमों को राज्य के बड़े और सफल डेयरी उद्यमों में बदलना है। योजना के माध्यम से, राज्य सरकार ने राज्य के लगभग 10 हजार स्वयं सहायता समूहों (SHG) की मदद से 50 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
राज्य सरकार द्वारा संचालित Doodh Ganga Yojana 2023 के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए उन्हें बड़े पैमाने पर डेयरी उत्पादों की खुदरा बिक्री और संबंधित गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही इस योजना के माध्यम से राज्य के दुग्ध उत्पादन क्षेत्र से जुड़े लोगों की सुविधा एवं उत्थान के लिए परम्परागत पद्धतियों को उन्नत कर आधुनिक तकनीकों से जोड़ा जायेगा। इस योजना के तहत उच्च नस्ल के दुधारू पशुओं के पालन और संरक्षण के लिए भी लोगों को प्रेरित किया जाएगा।
दूध गंगा योजना 2023 के अंतर्गत ऋण विवरण
- इस योजना के माध्यम से पशुपालक किसानों को 2 से 10 दुधारू पशुओं के लिए 5 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है।
- इसके अलावा राज्य के सभी पात्र किसानों को 5 से 10 बछड़ों को पालने के लिए 4.80 लाख रुपये तक का ऋण राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाता है।
- Doodh Ganga Yojana 2023 के तहत पात्र किसानों को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा मिल्किंग मशीन, मिल्क टेस्टर, मिल्क कूलर यूनिट “2000 लीटर तक” के लिए 18.00 लाख तक का ऋण भी दिया जाएगा।
- इस योजना के तहत हिमाचल प्रदेश सरकार पशुपालकों को दुग्ध उत्पादों के परिवहन और कोल्ड चेन सुविधा के लिए 24.00 लाख रुपये तक का ऋण भी उपलब्ध कराएगी।
- इसके तहत पात्र आवेदकों को मोबाइल यूनिट के लिए 2.40 लाख का ऋण राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा।
- Doodh Ganga Yojana 2023 के तहत सरकार किसानों को रहने लायक जगह के लिए 1.80 लाख रुपये तक का कर्ज मुहैया कराएगी।
- दूध बेचने के लिए बूथ निर्माण हेतु 0.56 लाख रुपये तक का ऋण सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा।
इस योजना मे किया गया परिवर्तन
लेकिन आपने इसे बदल दिया और बदलाव करके अब ब्याज मुक्त देने का प्रावधान हटा दिया गया है और अब सभी किसानों से कम कर्ज पर ब्याज लिया जाएगा। दूध गंगा योजना में यह बदलाव इसलिए किया गया है क्योंकि इसके जरिए सरकार को अब ब्याज मुक्त कर्ज देने के बजाय कर्ज की राशि पर सब्सिडी दी जाएगी। और आपको बता दें कि यह फैसला सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी को खत्म करने के लिए लिया गया है और सरकार ने इसके बारे में सभी को रोजगार देने के बारे में सोचा था। इसलिए वह चाहते हैं कि हर कोई दूध गंगा योजना के तहत कर्ज देकर अच्छा कारोबार शुरू करे।
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दूध गंगा योजना के अंतर्गत दी जाने वाली सब्सिडी
हिमाचल प्रदेश दूध गंगा योजना के अंतर्गत दुग्ध व्यवसाय करने वाले किसानों को कम ब्याज पर ऋण दिया जाता है। और यह सब्सिडी भी सभी लाभार्थियों को सरकार द्वारा ऋण राशि पर दी जाती है और यह सब्सिडी राशि के लिए विभिन्न कारकों पर आधारित होती है। जिसे एसटी और एससी वर्ग के सभी हितग्राहियों को 33% तथा सामान्य वर्ग के हितग्राही को 25% दिया जाता है। और उसके साथी हम आपको बता दें कि राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त सब्सिडी दी जाती है। जिसे देसी गाय या भैंस खरीदने पर 20 फीसदी और जर्सी गाय खरीदने पर 10 फीसदी की सब्सिडी दी जाती है।
स्वयं सहायता समूह को 50 परसेंट ब्याज दर में छूट
दूध गंगा योजना 2023 के तहत सरकार द्वारा स्वयं सहायता समूह को 10 पशुओं का डेयरी फार्म खोलने के लिए तीन लाख तक का ऋण दिया जाता है। तथा इस ऋण पर उन्हें 50 प्रतिशत तक की ब्याज दर की छूट दी जाती है तथा स्वयं सहायता समूह को केवल 1.5 लाख रुपये के ऋण पर ही ब्याज दर का भुगतान करना पड़ता है। और आप सभी को बता दें कि स्व-सहायता समूह के लोग जो भी होते हैं और उसके अलावा ब्याज की दर इसलिए दी जाती है। क्योंकि राज्य के अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूहों को गुणवत्तायुक्त डेयरी फार्म स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
देरी फॉर्म और प्रशिक्षण हेतु केंद्र किया जाएगा स्थापित
जैसा कि हमारे मत्स्य पालन पशुपालन मंत्री सुरेंद्र कुंवर जी ने कहा कि अब दूध गंगा योजना 2023 के तहत हिमाचल प्रदेश में फॉर्म अधिनिर्णय के लिए डेयरी फार्म शिक्षा का एक और केंद्र स्थापित किया जाएगा। और उन्होंने यह भी बताया है कि केंद्र सरकार ने राज्य में कई जगहों पर आधुनिक डेयरी फार्म और प्रशिक्षण केंद्र बनाने की स्वीकृति दी है। तथा इस केन्द्र के माध्यम से बनने वाली डेयरी के रूप में 400 दुधारू पशुओं को आधुनिक मशीनों से रखने की सुविधा भी दी जायेगी। और इसके अलावा पशु चिकित्सा अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों को भी इन सभी फलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे पशुपालन में किसानों की अधिक से अधिक मदद कर सकें।
Doodh Ganga Yojana 2023 के लाभ एवं विशेषताएं
- हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा Doodh Ganga Yojana 2023 की शुरुआत की गई है, जिसके तहत दुग्ध उत्पादन क्षेत्र का विकास और उत्थान किया जाता है।
- इस योजना की नींव सितंबर 2010 में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) की सहायता से केंद्र सरकार द्वारा डेयरी वेंचर कैपिटल स्कीम के रूप में रखी गई थी।
- प्रारम्भिक चरण में इस योजना के तहत हितग्राहियों को ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाता था, जिसमें कुछ समय बाद ब्याज मुक्त ऋण के स्थान पर अनुदान का प्रावधान लागू किया गया।
- राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत राज्य में दुग्ध उत्पादन क्षेत्रों से जुड़े लोगों को अधिकतम 24 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है, जिसकी मदद से वे अपने दुग्ध उत्पादन व्यवसाय को और अधिक सफल बना सकेंगे।
- इस योजना के तहत प्रदान किए गए ऋण पर एससी और एसटी उम्मीदवारों को 33% और सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 25% की सब्सिडी दी जाती है।
- इसके साथ ही इस योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को देशी गाय एवं भैंस की खरीद पर 20% तथा जर्सी गाय की खरीद पर 10% की अतिरिक्त सब्सिडी भी राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाती है।
- Doodh Ganga Yojana 2023 के माध्यम से, राज्य सरकार राज्य के सूक्ष्म डेयरी फार्मिंग उद्यमों को संगठित विकसित डेयरी व्यवसाय में परिवर्तित करने का प्रयास करती है।
- हिमाचल प्रदेश सरकार की इस योजना के तहत पारंपरिक डेयरी फार्मों को स्वच्छ दूध उत्पादन के लिए मशीनों और उपकरणों से लैस कर आधुनिक डेयरी फार्मों में बदला जाएगा।
- इसके अलावा इस योजना के माध्यम से छोटे पशुपालकों को उत्तम नस्ल के दुधारू पशुओं की तैयारी एवं संरक्षण के लिए भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
- राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई Doodh Ganga Yojana 2023 के तहत एक आधुनिक डेयरी फार्म तैयार किया जाएगा, जिससे स्वरोजगार के अवसर सृजित होंगे।
- इस योजना के माध्यम से राज्य के असंगठित दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं प्रदान कर ग्राम स्तर पर प्रारंभिक उत्पाद तैयार किये जायेंगे।
दूध गंगा योजना पात्रता मानदंड
किसी भी सरकारी योजना के तहत उपलब्ध लाभ प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को उस योजना से संबंधित कुछ पात्रता मानदंडों को पूरा करने की आवश्यकता होती है। इसी प्रकार दूध गंगा योजना 2022 का लाभ प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित निम्न पात्रता मानदंड को पूरा करना अनिवार्य होगा:-
- दूध गंगा योजना 2023 के तहत लाभ पाने के लिए आवेदकों को हिमाचल प्रदेश का स्थायी निवासी होना अनिवार्य होगा।
- इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए व्यक्ति/स्वयं सहायता समूह/गैर-सरकारी संगठन/दूध संगठन/दुग्ध सहकारी समिति/कंपनियां आदि पात्र माने जाएंगे।
- इसके साथ ही राज्य सरकार की इस योजना के तहत एक परिवार के एक से अधिक सदस्य भी लाभ के पात्र माने जायेंगे, उनकी स्थापित इकाइयां एक दूसरे से कम से कम 500 मीटर की दूरी पर होनी चाहिए।
Doodh Ganga Yojana 2023 हेतु आवेदन प्रक्रिया
हिमाचल प्रदेश के ऐसे इच्छुक अभ्यर्थी जो Doodh Ganga Yojana 2023 के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का पालन करना आवश्यक होगा:-
- सबसे पहले आपको दूध गंगा योजना की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना है। अब आपके सामने वेबसाइट का होमपेज खुल जाएगा।
- वेबसाइट के होमपेज पर आपको “Apply Online” के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आपके सामने एक आवेदन फॉर्म खुल कर आ जाएगा।
- अब आपको इस आवेदन फॉर्म में मांगी गई सभी आवश्यक जानकारियों का विवरण दर्ज करना होगा। इसके बाद आपको पूछे गए सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज अपलोड करने होंगे।
- इसके बाद आपको “जमा करें” के विकल्प पर क्लिक करना होगा, जिसके बाद आप दूध गंगा योजना 2022 के लिए आवेदन कर सकेंगे।
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FAQs about Doodh Ganga Yojana 2023
दूध गंगा योजना 2023 के माध्यम से डेयरी फार्मिंग बिजनेस करने हेतु किसान कितना ऋण प्राप्त कर पाएंगे?
इस योजना के तहत किसान 30 लाख रूपये तक का लोन ले सकते हैं।
दूध गंगा योजना 2023 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य हैं राज्य के सभी किसानों को लघु डेरी उद्योगों से बढ़ाकर हिस्सा लेने एवं उनके व्यवसाय को बढ़ाना है।