DM Vs SDM: डीएम और एसडीएस मे कौन से पावरफुल और किसे मिलती है कौन सी सुविधायें, यहां पढ़ें पूरी रिपोर्ट?

DM Vs SDM: क्या आप भी डीएम या एसडीएम बनना चाहते है औऱ जानना चाहती है कि, DM और SDM क्या होती है, इन्हें कौन – कौन से लाभ मिलते है अन्य जानकारीयों को प्राप्त करना चाहते है तो ये आर्टिकल केवल औऱ केवल आपके लिए है जिसमे हम, आपको विस्तार से DM Vs SDM को लेकर तैयार रिपोर्ट के बारे मे बतायेगें जिसके लिए आपको अन्त तक इस आर्टिकल को पढ़ना होगा ताकि आप पूरी – पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें।

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इस लेख मे आप सभी युवाओं सहित पाठको को ना केवल DM Vs SDM के बारे मे बतायेगे बल्कि  इस लेख की मदद से हम, आपको Job Roles, Facilities & Selection Process की व्यवस्थित जानकारी प्रदान करेगें ताकि आप पूरी – पूरी जानकारी प्राप्त करके आप दोनो ही पदों और पदों के कर्तव्यों को नजदीक से समझ सके।

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DM Vs SDM

लेख के अन्तिम चरण मे हम, आपको क्विक लिंक्स प्रदान करेगें ताकि आप इसी प्रकार के आर्टिकल्स को प्राप्त करके इनका लाभ प्राप्त कर सकें।

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DM Vs SDM – Overview

Name of the Article DM Vs SDM
Type of Artilce Career
Type of Posts Administrative Posts
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Basic Details of DM Vs SDM?

अपने इस आर्टिकल मे हम, आप सभी युवाओं सहित पाठको को कुछ बिंदुओं की मदद से तैयार रिपोर्ट के बारे मे बताना चाहते है जो कि, इस प्रकार से हैं –

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DM Vs SDM – संक्षिप्त परिचय

  • भारत मे ऐसे लाखों विद्यार्थी व युवा जो कि, DM और SDM के तौर ना केवल प्रशासनिक सेवा करना चाहते है बल्कि अपना करियर भी बनाना चाहते है लेकिन ऐसा आसान नहीं होता है क्योंकि DM और SDM भारतीय प्रशासनिक सेवा अंग के दो शक्तिशाली पद है जिस पर लम्बे संघर्ष के बाद सफलता मिलती है और इसीलिए हमारे वा सभी युवा जो कि, डीएम और एसडीएस के तौर पर नौकरी प्राप्त करना चाहते है उन्हें इस आर्टिकल की मदद से विस्तार से DM Vs SDM को लेकर तैयार रिपोर्ट के बारे मे बताना चाहते है जिसकी पूरी विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ना होगा।

डीएम कौन होता है – Who is District Magistrate

  • सरल भाषा मे कहे तो डी.एम को किसी भी जिले का ” राजा ” कहा जाता है क्योंकि  एक जिले मे डी.एम का पद प्रशासनिक कार्यप्रणाली मे सर्वोच्च पद होता है जिसका प्रमुख कार्य जिले मे कानून और न्याय व्यवस्था को कायम रखने के साथ ही साथ जिले का सतत विकास सुनिश्चित करना होता है और इसीलिए डी.एम को किसी भी जिले का सबसे शक्तिशाली पद औऱ राजा कहकर संबोधित किया जाता है।

SDM कौन होता है – Who is Sub-Divisional Magistrate

  • डी.एम के बाद किसी भी जिले मे सबसे शक्तिशाली और सम्मानीय पद किसी और का नहीं बल्कि सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट यानी उप-जिला मजिस्ट्रेट का होता है जो कि, जिले में आने वाले सब-डिविजन का प्रशासनिक प्रभारी होता है और इनका मुख्य काम स्थानीय प्रशसनिक व्यवस्था, कानून व न्याय की स्थापना करना होता है और
  • साथ ही साथ SDM अपने कुछ अन्य जिम्मेदार व संवेदनशील कार्यो जैसे कि – अपने क्षेत्र के अधिकारियों का काम संभालना और देखना, कानून और व्यवस्था बनाए रखना, स्थानीय विवाद सुलझाना, जमीन और विकास योजनाओं पर नजर रखना, आपदा या संकट के समय फैसले लेना और योजनाओं को लागू करना और अपने इलाके में प्रशासनिक फैसले लेने के लिए भी जिम्मेदार होता है और इसीलिए किसी भी जिले मे DM के बाद SDM को सबसे शक्तिशाली पद के तौर पर जाना और पहचाना जाता है।

DM Vs SDM – Responsibilities

यहां पर आपको एक तालिका की मदद से DM और SDM के जिम्मेदारीयों की एक तुलनात्मक तस्वीर आपके सामने प्रस्तुत करना चाहते है जो कि, इस प्रकार से हैं –

डीएम की मुख्य जिम्मेदारियां क्या हैं – DM Responsibilities? एसडीएम की मुख्य जिम्मेदारियां क्या हैं – SDM Responsibilities
  • संबंधित जिले में कानून और व्यवस्था बनाए रखना,
  • विकास और सरकारी योजनाओं का संचालन करना,
  • आपदा या संकट के समय निर्णायक व जनहितकारी फैसले लेना,
  • चुनावों का संचालन और निगरानी करना और
  • सरकारी विभागों के काम को सही से जोड़ना और संभालना आदि।
  • अपने क्षेत्र के अधिकारियों का काम संभालना और देखना,
  • कानून और व्यवस्था बनाए रखना,
  • स्थानीय विवाद सुलझाना,
  • जमीन और विकास योजनाओं पर नजर रखना,
  • आपदा या संकट के समय फैसले लेना और योजनाओं को लागू करना और
  • अपने इलाके में प्रशासनिक फैसले लेना आदि।

DM Vs SDM – Selection Process

दूसरी तरफ हम, आपको एक तालिका की मदद से ” डीएम और एसडीएस ” की चयन प्रक्रिया / सेलेक्शन प्रोसेस के बारे मे बताना चाहते है जो कि, इस प्रकार से हैें –

डीएम का सेलेक्शन प्रोसेस – DM Selection Process एसडीएम का सेलेक्शन प्रोसेस – SDM Selection Process
  • प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam)- सामान्य अध्ययन और CSAT
  • मुख्य परीक्षा यानी मेंस (Mains Exam)- सब्जेक्ट बेस्ड पेपर और निबंध और
  • इंटरव्यू और पर्सनालिटी टेस्ट- कैंडिडेट की नेतृत्व क्षमता और फैसले लेने की क्षमता चेक की जाती है।
  • प्रीलिम्स एग्जाम- सामान्य अध्ययन और CSAT
  • मेंस एग्जाम- सब्जेक्ट बेस्ड पेपर और निबंध
  • इंटरव्यू और पर्सनालिटी टेस्ट- प्रशासनिक क्षमता और फैसले लेने की क्षमता को चेक करना और
  • SDM बनने के लिए प्रशासनिक कानून, लोकल गवर्नेंस और पब्लिक कम्युनिकेशन स्किल्स पर मजबूत पकड़ आदि।

DM Vs SDM – Facilities

साथ ही साथ हम आपको एक तालिका की मदद से डी.एम और एस.डी.एस को मिलने वाले लाभों सहित फायदों के बारे मे बताना चाहते है जो कि, इस प्रकार से हैं –

DM को कौन-कौन सी सुविधाएं मिलती हैं – DM Facilities SDM को मिलने वाली सुविधाएं – SDM Facilities
  • भारतीय प्रशासनिक अधिकारी ( IAS ) के रुप मे डी.एम को बेसिक सैलरी के साथ DA, HRA और TA का लाभ मिलता है,
  • सरकारी बंगले की सुविधा मिलती है,
  • ऑफिस और फील्ड वर्क के लिए सरकारी गाड़ी और ड्राइवर उपलब्ध रहता है,
  • नौकर की सुविधा भी मिलती है,
  • डी.एम सहित पूरे परिवार के सरकारी अस्पताल और मेडिकल खर्च कवर की सुविधा,
  • राज्य और केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार छुट्टियां और यात्रा भत्ते की सुविधा और
  • आपदा नियंत्रण, संकट प्रबंधन या अन्य जिम्मेदारियों के लिए अतिरिक्त भत्ते का लाभ आदि।
  • सरकारी आवास,
  • सुरक्षा गार्ड,
  • हाउस हेल्प जैसे माली और कुक,
  • सरकारी वाहन (सायरन सहित),
  • टेलीफोन कनेक्शन और मुफ्त बिजली शामिल है,
  • आधिकारिक काम या यात्राओं के दौरान उन्हें हाई कैटेगरी का सरकारी आवास मिलता है और
  • रिटायरमेंट के बाद पेंशन लाभ आदि।

DM Vs SDM – Promotion & Career Growth

DM से कैरियर ग्रोथ कैसे होती है
  • एक्सपीरिएंस, परफॉर्मेंस और प्रशासनिक स्किल्स के आधार पर स्टेट सेक्रेटरी, जॉइंट सेक्रेटरी और चीफ सेक्रेटरी जैसे हाई पोस्ट तक पहुंच सकते हैं,
  • डीएम को सरकारी प्रोजेक्ट्स में मुख्य जिम्मेदारियां निभाने का मौका मिलता है और बेहतरीन प्रदर्शन के आधार पर इंटरनेशनल ट्रेनिंग और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स में पार्टिसिपेट करने का मौका भी मिलता है आदि।
  • एक्सपीरिएंस और बेहतरीन प्रशासनिक प्रदर्शन दिखाने पर एडिशनल डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट (ADM), डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट (DM और बाद में स्टेट सेक्रेटरी या अन्य हाई पदों पर पहुंच सकते हैं और
  • अन्त मे, उन्हें सरकारी प्रोजेक्ट्स और ट्रेनिंग प्रोग्राम्स में हिस्सा लेने का मौका भी मिलता है जिससे उनके करियर में और ग्रोथ होता है आदि।

अन्त, इस प्रकार हमने आपको विस्तार से पूरी रिपोर्ट की जानकारी प्रदान की ताकि आप आसानी से पूरी – पूरी रिपोर्ट का लाभ प्राप्त कर सकें।

सारांश

डीएम और एसडीएस बनने का सपना देखने वाले प्रत्येक आवेदक व उम्मीदवार को हमने इस लेख मे विस्तार से ना केवल DM Vs SDM के बारे मे बताया बल्कि आपको विस्तार से अलग – अलग मापदंडो की तुलनात्मक जानकारी भी आपको प्रदान की ताकि आप पूरी जानकारी प्राप्त करके अपनी तैयारी करके DM और SDM बन सकें तथा

लेख के अन्तिम चरण मे हम, आपसे उम्मीद करते है कि, आपको यह आर्टिकल बेहद पसंद आय़ा होगा जिसके लिए आप हमारे इस आर्टिकल को लाईक, शेयर व कमेंट करेगें।

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FAQ’s – DM Vs SDM

Is SDM higher than DM?

In the Indian Administrative Service (IAS), the post of District Magistrate (DM) is higher than that of Sub-Divisional Magistrate (SDM). The SDM is typically an entry-level position within the IAS, while the DM is the highest-ranking civil official in a district.

Who is more powerful than a DM?

The District Collector is the highest authority in charge of revenue administration within a district. They oversee matters related to land revenue, taxation, and the management of resources.

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The Author

अरुणोदय सरकार

पिछले 6 व अधिक सालों से जीवित, सजीव, बेबाक और ठोस लेखनी की छाप छोड़ते आये अरुणोदय सरकार, जिला बेगुसराय, बिहार के रहने वाले है। दिल्ली विश्वविघालय से B.A ( Prog ) और इग्नू से राजनीतिक विज्ञान में M.A करने के बाद आजकल बेगुसराय, बिहार मे रहते हुए स्वतंत्र लेखन कार्य के प्रति प्रतिबद्ध व समर्पित है।

सरकारी नौकरी, प्राईवेट नौकरी, एडमिट कार्ड, रिजल्ट, सरकारी योजना, सरकार की नई नीतियों व योजनाओं सहित अन्य सभी विषयों पर गंभीर, जुझारू और आलोचनात्मक / समीक्षात्मक लेखनी के लिए अरुणोदय सरकार कई बार विवादों का शिकार होते हुए निडरतापूर्वक लेखन करने के लिए जाने जाते है।

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