Digital Labour Chowk: देश के निर्माण, औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों से जुड़े करोड़ों श्रमिकों के लिए केंद्र सरकार ने एक नई और महत्वाकांक्षी योजना “डिजिटल लेबर चौक” की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य श्रमिकों को सुरक्षित, पारदर्शी और सुविधाजनक तरीके से रोजगार उपलब्ध कराना तथा नियोक्ताओं और श्रमिकों के बीच सीधा डिजिटल संबंध स्थापित करना है।
जाने इस पोस्ट में क्या क्या है
इस योजना की घोषणा केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने 11 नवंबर 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय श्रम एवं रोजगार तथा उद्योग मंत्रियों और सचिवों के सम्मेलन में की। इस अवसर पर उन्होंने डिजिटल लेबर चौक मोबाइल ऐप और ऑनलाइन बीओसीडब्ल्यू (Building and Other Construction Workers) उपकर संग्रह पोर्टल का शुभारंभ किया।

आज के इस आर्टिकल में हम Digital Labour Chowk के बारे में बताने वाले है। यदि आप भी इस नई योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप इस लेख को पूरे ध्यान पूर्वक और अंत तक अवश्य ही पढ़ें।
Digital Labour Chowk: Overview
| परियोजना का नाम | डिजिटल लेबर चौक (Digital Labour Chowk) |
| लॉन्च की तारीख | 11 नवंबर 2025 |
| लॉन्च स्थल | भारत मंडपम, नई दिल्ली |
| लॉन्च करने वाले | केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया |
| उद्देश्य | श्रमिकों को नियोक्ताओं से डिजिटल रूप से जोड़ना और सुरक्षित, पारदर्शी रोजगार उपलब्ध कराना |
| ऐप की प्रकृति | बहुभाषी मोबाइल एप्लिकेशन |
| मुख्य लाभार्थी | निर्माण और अन्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिक |
| मुख्य सुविधाएँ | ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, कौशल आधारित नौकरी खोज, नियोक्ता-श्रमिक सीधा संपर्क |
| भविष्य की योजना | देशभर में 3 लाख से अधिक लेबर चौकों को सुविधा केंद्र के रूप में विकसित करना |
| संलग्न प्रमुख योजना | प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (PMVBRY) |
| प्रमुख लाभ | रोजगार में पारदर्शिता, बिचौलियों पर निर्भरता में कमी, श्रमिक सुरक्षा और कल्याण में वृद्धि |
डिजिटल लेबर चौक 2025 : श्रमिकों को सशक्त बनाने की दिशा में केंद्र सरकार की ऐतिहासिक पहल
केंद्र सरकार ने देशभर के निर्माण, औद्योगिक और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सशक्त बनाने तथा उन्हें सुरक्षित और पारदर्शी रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डिजिटल लेबर चौक 2025 की शुरुआत की है। इस पहल के तहत श्रमिकों को नियोक्ताओं से सीधे जोड़ने के लिए एक बहुभाषी मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया गया है। यह ऐप श्रमिकों को उनके कौशल और जरूरत के अनुसार स्थानीय स्तर पर काम खोजने में मदद करेगा।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इस योजना की शुरुआत 11 नवंबर 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित राष्ट्रीय श्रम एवं रोजगार तथा उद्योग मंत्रियों और सचिवों के दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान की। इसी अवसर पर उन्होंने ऑनलाइन BOCW (Building and Other Construction Workers) उपकर संग्रह पोर्टल का भी शुभारंभ किया।
अगर आप एक निर्माण कार्य या असंगठित क्षेत्र से जुड़े श्रमिक हैं, तो डिजिटल लेबर चौक ऐप के माध्यम से आप अपने मोबाइल से ही पंजीकरण कर सकते हैं और अपने आसपास के क्षेत्र में उपलब्ध रोजगार के अवसरों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वहीं नियोक्ता भी इस प्लेटफॉर्म पर अपने प्रोजेक्ट और आवश्यक श्रमिकों की जानकारी दर्ज कर सकते हैं, जिससे काम ढूंढने और देने की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बन जाती है।
इस योजना के तहत पारंपरिक लेबर चौकों को अब सुविधा श्रमिक केंद्र (Labour Chowk Facilitation Centres) में बदलने की भी योजना है। इन केंद्रों पर श्रमिकों के लिए आश्रय, पेयजल, स्वच्छता, स्वास्थ्य जांच और कौशल विकास जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि देशभर में 3 लाख से अधिक लेबर चौकों को ऐसे आधुनिक सुविधा केंद्रों के रूप में विकसित किया जाए, ताकि श्रमिकों को बेहतर कार्य परिवेश और सामाजिक सुरक्षा मिल सके।
इस पहल के साथ ही केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (PMVBRY) पर भी विशेष जोर दिया है, जिसके तहत लगभग ₹1 लाख करोड़ रुपये की लागत से 3.5 करोड़ नए रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है।
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इस लेख में हम आपको डिजिटल लेबर चौक 2025 से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान करेंगे, जैसे कि इस ऐप में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज़, पात्रता शर्तें और इसके लाभ। अगर आप भी इस योजना का हिस्सा बनकर अपने रोजगार के अवसर बढ़ाना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें और जानें कि डिजिटल लेबर चौक ऐप से कैसे जुड़ें और इसका अधिकतम लाभ प्राप्त करें।
डिजिटल लेबर चौक मोबाइल ऐप क्या है?
डिजिटल लेबर चौक मोबाइल ऐप एक बहुभाषी डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो श्रमिकों को नियोक्ताओं से सीधे जोड़ता है। इसके माध्यम से कोई भी श्रमिक अपने अनुभव, कौशल और जरूरत के अनुसार स्थानीय स्तर पर काम खोज सकता है। वहीं नियोक्ता अपने प्रोजेक्ट और आवश्यक श्रमिकों की जानकारी ऐप पर दर्ज कर सकते हैं।
यह ऐप पारंपरिक लेबर चौकों पर लगने वाली भीड़ को कम करेगा और सड़क किनारे काम के इंतजार की असुरक्षा को खत्म करेगा। इसे “अर्बन कंपनी” की तर्ज पर विकसित किया गया है, ताकि श्रमिक घर बैठे अपनी पसंद का काम चुन सकें और सीधे नियोक्ताओं से संपर्क कर सकें।
डिजिटल लेबर चौक के उद्देश्य
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई डिजिटल लेबर चौक 2025 पहल का मुख्य उद्देश्य देशभर के निर्माण एवं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को डिजिटल माध्यम से सशक्त बनाना और उन्हें सुरक्षित, सम्मानजनक रोजगार उपलब्ध कराना है। इसके माध्यम से श्रमिकों और नियोक्ताओं के बीच की दूरी को तकनीक के जरिए कम किया जा रहा है। नीचे इसके प्रमुख उद्देश्यों की सूची दी गई है —
- रोजगार के अवसर बढ़ाना – श्रमिकों को उनके कौशल, अनुभव और जरूरत के अनुसार स्थानीय स्तर पर काम खोजने में मदद करना।
- डिजिटल कनेक्टिविटी स्थापित करना – श्रमिकों और नियोक्ताओं के बीच सीधा डिजिटल संपर्क बनाना, ताकि बिचौलियों पर निर्भरता खत्म हो सके।
- सुरक्षित और पारदर्शी प्रणाली बनाना – रोजगार प्रक्रिया में पारदर्शिता लाकर श्रमिकों को ठगी और धोखाधड़ी से बचाना।
- लेबर चौकों का आधुनिकीकरण – पारंपरिक सड़क किनारे लेबर चौकों को सुरक्षित और सुसज्जित लेबर चौक सुविधा केंद्रों (LCFCs) में विकसित करना।
- सामाजिक सुरक्षा और कल्याण को बढ़ावा देना – निर्माण श्रमिकों के लिए ऑनलाइन BOCW उपकर संग्रह प्रणाली के माध्यम से कल्याण योजनाओं के लिए धन प्रवाह में तेजी लाना।
- डिजिटल साक्षरता और आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन देना – श्रमिकों को तकनीक से जोड़कर उन्हें डिजिटल रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना।
- महिला श्रमिकों के लिए विशेष प्रावधान – महिला श्रमिकों को सुरक्षित कार्यस्थल, विशेष सुविधाएं और समान अवसर प्रदान करना।
- विकसित भारत 2047 के लक्ष्य में योगदान – देश के प्रत्येक श्रमिक को सम्मान, सुरक्षा और अवसर प्रदान कर विकसित भारत के निर्माण में सहयोग देना।
Benefits of Digital Labour Chowk
डिजिटल लेबर चौक 2025 केंद्र सरकार की एक क्रांतिकारी पहल है, जिसका उद्देश्य देशभर के निर्माण, औद्योगिक और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को डिजिटल माध्यम से सशक्त बनाना है। यह प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों को आसानी से रोजगार खोजने, नियोक्ताओं से सीधे जुड़ने और सरकारी कल्याण योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में मदद करता है। नीचे इस योजना के प्रमुख लाभ दिए गए हैं —
- श्रमिक अपने कौशल और अनुभव के आधार पर नजदीकी क्षेत्र में उपलब्ध काम को ऐप के माध्यम से आसानी से खोज सकते हैं।
- नियोक्ता और श्रमिक के बीच सीधा संपर्क होने से बिचौलियों की भूमिका समाप्त होती है, जिससे पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष और सुरक्षित बनती है।
- मोबाइल ऐप के जरिए पंजीकरण, काम की खोज, और अनुबंध की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन की जा सकती है।
- ऑनलाइन BOCW उपकर पोर्टल से निर्माण श्रमिकों के कल्याण कोष तक राशि शीघ्र पहुँचती है, जिससे उनकी सामाजिक सुरक्षा मजबूत होती है।
- देशभर के पारंपरिक लेबर चौकों को “लेबर चौक सुविधा केंद्र (LCFC)” के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहाँ आश्रय, पेयजल, स्वच्छता और स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
- महिला श्रमिकों के लिए सुरक्षित कार्यस्थल, विश्राम स्थल और प्रशिक्षण की विशेष सुविधाएँ सुनिश्चित की जाएंगी।
- यह योजना श्रमिकों को तकनीक से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर और डिजिटल रूप से सक्षम बनाती है।
- यह पहल श्रमिकों को सम्मान, सुरक्षा और अवसर प्रदान कर विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को साकार करने में अहम भूमिका निभाएगी।
Digital Labour Chowk App Registration Process
डिजिटल लेबर चौक मोबाइल ऐप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति चाहे वह श्रमिक हो या नियोक्ता, अपने मोबाइल से कुछ आसान चरणों में पंजीकरण कर सकता है। यह ऐप दोनों पक्षों को एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर जोड़ता है, जिससे रोजगार की प्रक्रिया आसान, सुरक्षित और पारदर्शी बनती है। नीचे श्रमिकों और नियोक्ताओं के लिए रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया दी गई है —
श्रमिकों के लिए (For Workers):
- ऐप में “I am a Worker (मैं एक श्रमिक हूं)” विकल्प चुनें।
- अपना नाम, पता, उम्र, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी दर्ज करें।
- अपने कौशल (Skills) की जानकारी भरें — जैसे राजमिस्त्री, पेंटर, बिजली मिस्त्री, प्लंबर, हेल्पर आदि।
- जानकारी पूरी करने के बाद आपकी डिजिटल प्रोफाइल तैयार हो जाएगी।
- इसके बाद आप अपने नजदीकी क्षेत्र में उपलब्ध काम की सूची (Job Listings) देख सकेंगे।
नियोक्ताओं के लिए (For Employers):
- ऐप में “I am an Employer (मैं एक नियोक्ता हूं)” विकल्प चुनें।
- अपने व्यवसाय/प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारी और आवश्यक श्रमिकों की संख्या दर्ज करें।
- कार्य का प्रकार और अवधि का विवरण भरें।
- रजिस्ट्रेशन के बाद आप योग्य श्रमिकों की प्रोफाइल देख सकते हैं और सीधे संपर्क कर सकते हैं।
लेबर चौक सुविधा केंद्र (Labour Chowk Facilitation Centres – LCFCs)
सरकार ने पारंपरिक असुरक्षित लेबर चौकों को सुविधा केंद्रों (LCFCs) में बदलने की योजना बनाई है। इन केंद्रों का उद्देश्य सड़क किनारे भीड़भाड़ वाले और असुरक्षित लेबर चौकों को संरचित और सुरक्षित स्थानों में बदलना है, जहां श्रमिकों को बुनियादी सुविधाएं मिल सकें।
इन केंद्रों में मिलने वाली सुविधाएं:
- आश्रय स्थल (Shelter)
- पेयजल और स्वच्छता
- स्वास्थ्य जांच और पंजीकरण केंद्र
- इंटरनेट सुविधा
- कौशल विकास प्रशिक्षण
- महिला श्रमिकों के लिए विशेष व्यवस्था
केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि देशभर में 3 लाख से अधिक लेबर चौक को ऐसे सुविधा श्रमिक केंद्रों के रूप में विकसित किया जाए, ताकि श्रमिकों को सम्मानजनक और सुरक्षित कार्य वातावरण मिल सके।
ऑनलाइन बीओसीडब्ल्यू उपकर (Cess) संग्रह पोर्टल
डिजिटल लेबर चौक के साथ-साथ “Building and Other Construction Workers (BOCW) Cess Collection Portal” भी लॉन्च किया गया। यह एक एकीकृत डिजिटल प्रणाली है जो – स्वचालित उपकर गणना (Automatic Cess Calculation), ऑनलाइन भुगतान (Online Payment) और वास्तविक समय निगरानी (Real-time Monitoring) की सुविधा प्रदान करेगी।
यह पोर्टल यह सुनिश्चित करेगा कि निर्माण परियोजनाओं की योजना अनुमोदन (Plan Approvals) उपकर सत्यापन से जुड़ी हो। इससे राज्य श्रमिक कल्याण बोर्डों तक धन प्रवाह में तेजी आएगी और श्रमिकों के हितों के लिए योजनाओं को शीघ्र लागू किया जा सकेगा।
क्यों है डिजिटल लेबर चौक ऐप खास?
डिजिटल लेबर चौक 2025 सिर्फ एक मोबाइल ऐप नहीं, बल्कि यह भारत के श्रमिकों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह प्लेटफॉर्म श्रमिकों और नियोक्ताओं के बीच की दूरी को खत्म कर रोजगार को सरल, सुरक्षित और पारदर्शी बनाता है। आइए जानते हैं, क्यों यह ऐप इतना खास है —
- एक ही प्लेटफॉर्म पर काम और कामगार दोनों: श्रमिक और नियोक्ता दोनों इस ऐप पर रजिस्टर होकर सीधे एक-दूसरे से जुड़ सकते हैं।
- स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर: श्रमिक अपने क्षेत्र या शहर में ही उपलब्ध काम खोज सकते हैं, जिससे पलायन की आवश्यकता कम होगी।
- पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी प्रक्रिया: रोजगार की पूरी प्रक्रिया पंजीकरण से लेकर चयन तक ऑनलाइन होती है, जिससे बिचौलियों और धोखाधड़ी की संभावना खत्म हो जाती है।
- सुरक्षित और भरोसेमंद प्लेटफ़ॉर्म: सरकार द्वारा संचालित होने के कारण यह ऐप पूरी तरह सुरक्षित और विश्वसनीय है।
- महिला श्रमिकों के लिए विशेष सुविधाएं: ऐप के माध्यम से महिला श्रमिकों के लिए सुरक्षित कार्यस्थल और विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।
- लेबर चौकों का आधुनिकीकरण: यह ऐप पारंपरिक लेबर चौकों को डिजिटल प्लेटफॉर्म में बदलकर उन्हें आधुनिक सुविधा श्रमिक केंद्र (LCFCs) के रूप में विकसित करने की दिशा में काम करता है।
- भाषा की सुविधा: ऐप को बहुभाषी (Multilingual) बनाया गया है, ताकि देश के हर क्षेत्र के श्रमिक आसानी से इसका उपयोग कर सकें।
- सरकार की योजनाओं से सीधा जुड़ाव: श्रमिक इस ऐप के माध्यम से श्रम विभाग की अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी और लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।
Future Plans of Digital Labour Chowk
डिजिटल लेबर चौक को लॉन्च करने के बाद केंद्र सरकार अब इस योजना को देशभर में व्यापक रूप से लागू करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में हर राज्य, जिला और शहर के श्रमिक इस डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ सकें और इसका लाभ उठा सकें। नीचे इस पहल से जुड़ी प्रमुख आगामी योजनाएँ दी गई हैं —
- केंद्र सरकार की योजना है कि डिजिटल लेबर चौक ऐप को हर राज्य और ज़िले में सक्रिय किया जाए, ताकि सभी श्रमिक चाहे वे किसी भी क्षेत्र से हों, इस प्लेटफ़ॉर्म का लाभ उठा सकें।
- देशभर के पारंपरिक लेबर चौकों को आधुनिक Labour Chowk Facilitation Centres (LCFCs) में विकसित किया जाएगा, जहाँ पर आश्रय, स्वच्छता, स्वास्थ्य जांच, पेयजल और प्रशिक्षण जैसी सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
- श्रमिकों के लिए विशेष Skill Development और Digital Literacy Programs शुरू किए जाएंगे ताकि वे नए उद्योगों में भी काम करने योग्य बन सकें।
- महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए सुरक्षित कार्यस्थल, चाइल्डकेयर सुविधाएँ और विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
- केंद्र सरकार राज्यों के श्रम विभागों के साथ मिलकर राज्य स्तरीय रोजगार पोर्टल्स को डिजिटल लेबर चौक से जोड़ेगी, ताकि एक एकीकृत राष्ट्रीय रोजगार प्लेटफ़ॉर्म बनाया जा सके।
- डिजिटल लेबर चौक को ई-श्रम पोर्टल, PM Vishwakarma Yojana, और PMVBRY (प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना) जैसी योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
- ऐप के माध्यम से एकत्रित श्रमिकों और रोजगार के डेटा का उपयोग नीति निर्माण, रोजगार सृजन और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हम आप सभी को Digital Labour Chowk से जुड़ी हर एक जानकारी को पूरे विस्तार में और सही जानकारी के साथ में बताए है। डिजिटल लेबर चौक केंद्र सरकार की एक अत्यंत महत्वपूर्ण और दूरदर्शी पहल है, जो देश के निर्माण और असंगठित क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों को न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें सम्मान, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी आगे बढ़ाएगी। यह योजना श्रमिकों को पारदर्शी, सुरक्षित और डिजिटल माध्यम से काम खोजने की सुविधा देती है, जिससे बिचौलियों पर निर्भरता समाप्त होगी और श्रमिकों की आर्थिक स्थिरता और सामाजिक सुरक्षा मजबूत होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के संकल्प से प्रेरित यह पहल निश्चित रूप से भारत को विकसित भारत 2047 की दिशा में आगे बढ़ाने में एक मील का पत्थर साबित होगी। जब देश का हर श्रमिक सशक्त होगा, तभी भारत वास्तव में आत्मनिर्भर और समृद्ध बन सकेगा।
अगर आपको यह लेख पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों के साथ जरूर साझा करें, ताकि वे भी डिजिटल लेबर चौक से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कर सकें और इस योजना का लाभ उठा सकें। यदि इस विषय से जुड़ा कोई प्रश्न हो, तो आप नीचे दिए गए कॉमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं।
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FAQs’ – Digital Labour Chowk
डिजिटल लेबर चौक क्या है और इसे क्यों शुरू किया गया है?
डिजिटल लेबर चौक एक सरकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म है जिसे श्रमिकों और नियोक्ताओं को सीधे जोड़ने के लिए शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य श्रमिकों को सुरक्षित, पारदर्शी और स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराना तथा रोजगार प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बनाना है।
Digital Labour Chowk योजना कब और किसने लॉन्च की?
इस योजना को 11 नवंबर 2025 को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया द्वारा नई दिल्ली के भारत मंडपम से लॉन्च किया गया। यह योजना भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की एक प्रमुख डिजिटल पहल है।
डिजिटल लेबर चौक ऐप का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस ऐप का मुख्य उद्देश्य निर्माण और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को नियोक्ताओं से सीधे जोड़ना है ताकि रोजगार प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और बिचौलियों पर निर्भरता खत्म हो सके।
डिजिटल लेबर चौक से कौन लोग लाभान्वित होंगे?
इस योजना का लाभ देशभर के निर्माण, औद्योगिक, सेवा और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को मिलेगा। साथ ही, छोटे-बड़े नियोक्ता और ठेकेदार भी इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से योग्य श्रमिकों को आसानी से खोज सकेंगे।
डिजिटल लेबर चौक मोबाइल ऐप किस भाषा में उपलब्ध है?
यह ऐप बहुभाषी (Multilingual) बनाया गया है, ताकि देश के सभी राज्यों के श्रमिक अपनी मातृभाषा में इसका उपयोग कर सकें। इससे हर वर्ग के लोगों के लिए इसका उपयोग आसान होगा।
Digital Labour Chowk में पंजीकरण कैसे किया जा सकता है?
श्रमिक अपने मोबाइल पर डिजिटल लेबर चौक ऐप डाउनलोड कर “I am a Worker” विकल्प चुनकर नाम, पता, मोबाइल नंबर और कौशल की जानकारी भर सकते हैं। वहीं नियोक्ता “I am an Employer” विकल्प से अपनी आवश्यकता दर्ज कर सकते हैं।
डिजिटल लेबर चौक ऐप से श्रमिकों को क्या-क्या सुविधाएँ मिलेंगी?
श्रमिक अपने कौशल के अनुसार स्थानीय स्तर पर काम खोज सकते हैं, ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं, नियोक्ताओं से सीधा संपर्क कर सकते हैं और सरकारी श्रमिक कल्याण योजनाओं की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।
नियोक्ताओं को डिजिटल लेबर चौक से क्या लाभ मिलेगा?
नियोक्ताओं को योग्य श्रमिकों की प्रोफाइल देखने और सीधे उनसे संपर्क करने की सुविधा मिलेगी। इससे उन्हें अपने प्रोजेक्ट के लिए आवश्यक श्रमिकों की भर्ती तुरंत और पारदर्शी तरीके से करने में मदद मिलेगी।
डिजिटल लेबर चौक ऐप का संचालन कौन कर रहा है?
इस ऐप का संचालन भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour & Employment) द्वारा किया जा रहा है, जिससे इसकी विश्वसनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
डिजिटल लेबर चौक में महिला श्रमिकों के लिए क्या विशेष सुविधाएँ हैं?
इस ऐप में महिला श्रमिकों के लिए सुरक्षित कार्यस्थल, विश्राम स्थल, प्रशिक्षण कार्यक्रम और समान अवसरों का विशेष प्रावधान किया गया है, जिससे उन्हें रोजगार में समान भागीदारी मिले।
क्या Digital Labour Chowk App ई-श्रम पोर्टल से जुड़ा हुआ है?
हाँ, सरकार की योजना है कि डिजिटल लेबर चौक को ई-श्रम पोर्टल और प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (PMVBRY) जैसी योजनाओं से जोड़ा जाए ताकि श्रमिकों को एकीकृत डिजिटल सुविधा मिल सके।
डिजिटल लेबर चौक सुविधा केंद्र (LCFC) क्या हैं?
लेबर चौक सुविधा केंद्र पारंपरिक लेबर चौकों का आधुनिक रूप हैं, जहाँ श्रमिकों को आश्रय, पेयजल, स्वास्थ्य जांच, इंटरनेट और प्रशिक्षण जैसी सुविधाएँ दी जाएंगी।
सरकार का लक्ष्य कितने लेबर चौक सुविधा केंद्र स्थापित करने का है?
केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि देशभर में 3 लाख से अधिक पारंपरिक लेबर चौकों को आधुनिक लेबर चौक सुविधा केंद्र (LCFCs) में विकसित किया जाए ताकि श्रमिकों को सम्मानजनक वातावरण मिल सके।
Digital Labour Chowk से सामाजिक सुरक्षा को कैसे बढ़ावा मिलेगा?
इस योजना के तहत ऑनलाइन BOCW उपकर पोर्टल शुरू किया गया है, जिससे श्रमिक कल्याण कोष तक धन शीघ्र पहुंचता है और श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ तेज़ी से मिलता है।
क्या डिजिटल लेबर चौक ऐप का उपयोग निशुल्क है?
हाँ, डिजिटल लेबर चौक मोबाइल ऐप पूरी तरह निशुल्क (Free) है। श्रमिक और नियोक्ता दोनों बिना किसी शुल्क के इसमें पंजीकरण और उपयोग कर सकते हैं।
डिजिटल लेबर चौक योजना से रोजगार के कौन-कौन से अवसर मिल सकते हैं?
श्रमिकों को निर्माण कार्य, इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, पेंटर, मजदूर, चालक, वेल्डर, हेल्पर, और अन्य औद्योगिक कार्यों में स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सकता है।
क्या डिजिटल लेबर चौक ऐप ग्रामीण क्षेत्रों के श्रमिकों के लिए भी उपलब्ध है?
हाँ, यह ऐप देश के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के श्रमिकों के लिए बनाया गया है, जिससे गाँव के श्रमिक भी अपने नजदीकी इलाकों में काम ढूंढ सकें।
Digital Labour Chowk के साथ लॉन्च किया गया BOCW पोर्टल क्या है?
BOCW (Building and Other Construction Workers) Cess Collection Portal एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो निर्माण परियोजनाओं से संबंधित उपकर की स्वचालित गणना, भुगतान और निगरानी को आसान बनाता है।
डिजिटल लेबर चौक योजना भारत के विकास में कैसे सहायक होगी?
यह योजना श्रमिकों को सशक्त बनाकर उन्हें रोजगार, सुरक्षा और सम्मान दिलाने में मदद करेगी, जिससे देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में तेजी आएगी और “विकसित भारत 2047” का लक्ष्य साकार होगा।
डिजिटल लेबर चौक ऐप डाउनलोड करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट क्या है?
डिजिटल लेबर चौक से संबंधित सभी जानकारी और डाउनलोड लिंक भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट या प्ले स्टोर पर उपलब्ध “Digital Labour Chowk” ऐप पर मिल सकती है।
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