CAA – Citizenship Amendment Act 2019: नागरिकता संशोधन अधिनियम को भारत की संसद द्वारा साल 2019 में पारित किया गया था लेकिन उसे अभी तक अमल में नहीं लाया गया है। देश में ‘विविधता में एकता’ के नारे लगाए जाते हैं और ऐसे में यह समझ लेना काफी आवश्यक है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम क्या है? CAA के उद्देश्य और विशेताए क्या है? अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने के पीछे क्या अर्थ है? यही सब आज हम इस लेख के माध्यम से समझने वाले है।
Citizenship Amendment Act: Overview
Name of the Article | What is CAA – Approval, arguments, controversies and complete information regarding Citizenship Amendment Act |
Type of Article | Current Affair |
Article Useful For | All of Us |
Detailed Information of Citizenship Amendment act 2019 In Hindi |
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What is CAA नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 क्या है? – सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में
- CAA Rules in India: नागरिकता संशोधन अधिनियम, 11 दिसंबर साल 2019 को पारित किया गया था। इस अधिनियम की खास बात यह थी कि उसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हुए अल्पसंख्यक लोग जिसमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई लोग भी शामिल है। इन समूह के लिए भारत की नागरिकता देने का प्रस्ताव रखा गया था।
- कानून में मुस्लिम कम्युनिटी को नहीं जोड़ा गया है। नागरिकता कानून मुख्य रूप से मुसलमान को इस तरह की नागरिकता प्रदान नहीं करता है। हालांकि, मुस्लिम लोग पहले से ही मुस्लिम बहुल राष्ट्र में रह रहे हैं तो इसकी कुछ खास जरूरत थी।
- अब आप समझ ही गए होंगे कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act 2019) ऐसी अल्पसंख्यक आबादी को भारत देश की नागरिकता प्रदान करता है जिन्होंने मुस्लिम बहूल देश से भाग कर भारत की शरण ली है।
- पीड़ित आबादी को भारत की नागरिकता प्रदान करने के लिए नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन किया गया है। 2019 के संशोधन के बाद से ही कुछ नियम बनाए गए जिससे कि अल्पसंख्क आबादी भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकती है। नागरिकता संशोधन अधिनियम के अनुसार, 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश करने वाले या भाग कर आने वाले पीड़ित लोग जो कि धर्म या किसी अन्य भेदभाव के चलते भारत की शरण ले चुके हैं वह भारत की नागरिकता लेने के लिए पत्र हो गए है।
- इससे पहले नागरिकता प्राप्त करने के लिए 12 वर्ष की सीमा प्रदान की गई थी लेकिन अब भारत में निवास करने के लिए संशोधन के साथ ही इस सीमा को 6 वर्ष कर दिया गया है। बताया गया कि इस कानून के माध्यम से कई अल्पसंख्यक आबादियों को फायदा पहुंचेगा।
CAA – Citizenship Amendment Act 2019 उद्देश्य
- नागरिकता संशोधन अधिनियम को अमल में लाने का मुख्य कारण ऐसी अल्पसंख्यक आबादी को भारत की नागरिकता प्रदान करना था जो कि पाकिस्तान या किसी अन्य मुस्लिम बहुल देश से प्रताड़ित होकर आई है।
- मुख्य रूप से भारतीय राजनेताओं को इसकी काफी ज्यादा जरूरत महसूस हुई थी। साल 2003 में मनमोहन सिंह ने अपने विपक्ष के नेताओं से यह गुजारिश की थी कि वह बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों से प्रताड़ित होकर आए अल्पसंख्यक को भारत या नागरिकता प्रदान करें और उन लोगों के प्रति उदारता व्यक्त करें।
- महात्मा गांधी ने एक बार कहा था कि पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर आये अल्पसंख्यक लोगों को भारत में नौकरी सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना चाहिए।
- यह सिर्फ किसी एक पार्टी की मांग नहीं थी बल्कि भारत में किसी की भी सरकार बनी हो चाहे वह बीजेपी हो या फिर कांग्रेस सभी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम की जरूरत को महसूस किया था।
- नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के मुख्य उद्देश्य बांग्लादेश, पाकिस्तान जैसे मुस्लिम बहूल देश से प्रताड़ित होकर आने वाली अल्पसंख्यक आबादी जैसे;- हिंदू, सिख. इसाई. फारसी. धर्म वाले लोगों को भारत देश की नागरिकता प्रदान करना है।
- विधेयक के अंतर्गत आने वाले प्रावधानों के अनुसार, पड़ोसी देशों से आने वाली अल्पसंख्यक आबादी जो की 6 साल से भारत में रह रहे हैं उन्हें भारत देश की नागरिकता प्रदान की जावेगी पहले यह नियम 12 साल तक के लिए अनिवार्य था।
- प्रावधान के अनुसार, 31 दिसंबर 2014 या उससे पहले भारत में आए हुए अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता प्रदान करना है।
मुस्लिम CAA का विरोध क्यों कर रहे है? Why are Muslims Opposing the Bill?
- एक तरफ नागरिकता कानून सरकार की तरफ से एक अच्छा प्रस्ताव बनकर सामने आया वहीं दूसरी तरफ अल्पसंख्यक आबादी द्वारा उसका विरोध भी किया गया। खास तौर पर मुस्लिम आबादी ने इसका जमकर विरोध किया है। आखिर क्यों मुस्लिम आबादी नागरिकता कानून के खिलाफ है?
- मुस्लिम आबादी का कहना है की नागरिकता कानून का पालन धर्म के आधार पर ना किया जाए। मुस्लिम आबादी के लिए अभी भी नागरिकता पाने के लिए नियम 12 वर्ष रखा गया है जबकि अन्य कम्युनिटी जैसे की;- हिन्दू, सिख, पारसी जैसे धर्म को 12 वर्ष तक इंतजार करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यानी की इन्हें 12 वर्ष तक भारत में रहना जरूरी नहीं है। मुस्लिम चाहते कि नियम सभी के लिए बराबर होना चाहिए।
- मुस्लिम कम्युनिटी को भी कई देशों में प्रताड़ित किया गया है जैसे:- पाकिस्तान में ‘अहमदिया’ और म्यांमार में ‘रोहिंग्या’ – धार्मिक उत्पीड़न का शिकार बने हैं और वह भारत में शरण लिए हुए है। मुस्लिम चाहते हैं कि उनके साथ भी बाकी कम्युनिटी की तरह समान व्यवहार किया जाए और उन्हें भी नागरिकता प्रदान की जाए।
- बताया जाता है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत राज्य के क्षेत्र के भीतर किसी भी व्यक्ति यानी कि जो भारत में निवास कर रहे हैं उनके समक्ष समानता होना अनिवार्य है और कानून में भी समान संरक्षण प्रदान किया जाना अनिवार्य है।
- हालांकि, फिर भी मुस्लिम कम्युनिटी को यहां पर समान अधिकार नहीं दिया गया जिस वजह से उन्होंने नागरिकता कानून के खिलाफ आन्दोलन शुरू किया।
- यह भी बताया जाता है कि भारत का इस तरह से धर्म के आधार पर भेदभाव करना ‘ह्यूमन राइट्स’ के खिलाफ है। इसी वजह से जो मुस्लिम बहुल देशो ने भी भारत के इस फैसले पर विवादित बयान जारी किए थे।
- कुछ मुस्लिम बुद्धिजीवियों का यह भी मानना है कि इस विधेयक का इस्तेमाल राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर NRC के साथ मिलाकर मुसलमानों को राज्यविहीन बनाने के प्रयास किया जा रहा है।
मुस्लिम कम्युनिटी का मानना है कि यह कानून किसी भी तरह से मुसलमान के पक्ष में नहीं है। वही हम भारत सरकार के तर्क पर ध्यान दें तो उनका मानना है कि मुस्लिम बहुल राष्ट्र में आखिर मुस्लिम को कैसे प्रताड़ित किया जा सकता है? हालांकि इस तर्क पर विचार नहीं किया जा सकता क्योंकि इतिहास में ऐसी कई घटनाए दर्ज है जिसमें अन्य देशों में मुस्लिम कम्युनिटी को प्रताड़ित किया गया है।
भारतीय नागरिकता के फायदें – Benefits of CAA Act in Hindi
CAA – Citizenship Amendment Act 2019: भारतीय नागरिकता मिलने के बाद एक नागरिक को निम्नलिखित फायदे प्रदान किए जाते है –
वोट डालने का अधिकार
भारतीय नागरिकता मिल जाने के बाद किसी भी नागरिक को भारत में वोट डालने का अधिकार प्राप्त हो जाता है। इसमें वह लोग भी शामिल हो सकते हैं जिन्होंने दूसरे देश से आकर भारत में शरण ली है और भारत की नागरिकता प्राप्त कर ली है।
सरकारी योजनाओं का लाभ
भारत में केंद्र सरकार और राज्य सरकार की तरफ से कहीं योजनाएं चलाई जाती है जिनका फायदा लेने के लिए किसी भी व्यक्ति का भारत का मूल निवासी होना आवश्यक है। भारत की नागरिकता प्राप्त कर लेने के बाद कोई भी आसानी से गवर्नमेंट की योजनाओं का लाभ ले सकता है।
चुनाव लड़ने का अधिकार
एक भारतीय नागरिक को चुनाव लड़ने का अधिकार दिया जाता है। भारत में चुनाव लड़ने के लिए भारतीय नागरिकता का होना अनिवार्य है।
भारत के मौलिक अधिकार
भारत के संविधान में कुछ मौलिक अधिकार बताए गए हैं जो कि भारतीय नागरिकों को हमेशा से मिलते आए है। भारतीय नागरिकता मिलने के बाद दूसरे देश से आए अल्पसंख्यक भी इन मौलिक अधिकारों का फायदा उठा सकते है।
संवैधानिक पद प्राप्त कर सकते है
भारत में जो अवैध रूप से आए हुए प्रवासी हैं उन्हें अक्सर विदेशी के रूप में संदर्भित किया जाता है और कोई भी विदेशी व्यक्ति भारत में संवैधानिक पद प्राप्त करने का अधिकार नहीं रखता है। भारतीय नागरिकता प्राप्त कर लेने के बाद कोई भी व्यक्ति आसानी से भारत में संवैधानिक पद प्राप्त कर सकता है।
उपरोक्त बताई गई जानकारी के माध्यम से आप समझ सकते हैं कि भारतीय नागरिकता प्राप्त कर लेने के बाद आपको किस तरीके से इसका फायदा ले सकते है।
निष्कर्ष
इस लेख के माध्यम से हमने आपको Citizenship Amendment Act 2019 In Hindiके बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान की है। लोकसभा चुनाव के दौरान नागरिकता कानून को लेकर काफी विवाद देखने को मिल रहा है ऐसे में इस लेख के माध्यम से हमने आपको नागरिकता कानून को समझाने का एक प्रयास किया है।
क्विक लिंक्स
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